उत्तराखंड में अब प्रोफेसरो के बड़े पैमाने पर होंगे तबादले, कॉलेज में मची खलबली
हल्द्वानी में उच्च शिक्षा में एक बार प्रोफेसर के बड़े पैमाने पर तबादले होने के आसार दिखाई दे रहे हैं। विभागीय स्तर पर हुए फैसले के बाद 5 वर्ष से एक ही स्थान पर तैनात अध्यापकों को इधर से उधर करने की चर्चाएं हो रही हैं।
ऐसे में 500 से अधिक ट्रांसफर होने की संभावनाएं नजर आ रही हैं। इससे शिक्षको की धड़कनें बढ़ गई है वही कॉलेज प्रशासन व्यवस्था लड़खड़ाने से चिंतित है पंचायत चुनाव की आचार संहिता लागू होने की वजह से फिलहाल अभी कोई तबादला नहीं होगा।
प्रदेश में 119 राजकीय महाविद्यालय हैं। जिनमें 38 स्नातकोत्तर और 81 स्नातक स्तरीय कालेज हैं। यहां 1700 से अधिक नियमित प्राध्यापक कार्यरत हैं।
जानकारी के अनुसार महाविद्यालयों में पिछले सत्र तक प्रतिवर्ष 200 से 250 शिक्षकों के स्थानांतरण होते थे। ट्रांसफर एक्ट के अनुसार सुगम में चार और दुर्गम में तीन वर्ष सेवा देने वालों से आवेदन मांगे जाते हैं। लेकिन अधिकतर आठ से अधिक वर्ष से जमे प्राध्यापकों का नंबर आता था।
बताया जा रहा है कि विभागीय उच्च अधिकारी नया प्रयोग करते हुए एक्ट के अनुसार ही तबादला करने की योजना बना रहे हैं। यदि ऐसा हुआ तो कुमाऊं के सबसे बड़े कॉलेज एमबीपीजी हल्द्वानी सहित प्रदेश के अन्य अधिक छात्र संख्या वाले महाविद्यालयों के आदेश से ज्यादा प्रोफेसर इधर से उधर हो जाएंगे।
काफी संख्या में पूर्व से तैनात शिक्षकों के स्थानांतरण से कालेजों में प्रवेश और परीक्षा संबंधित कार्य प्रभावित हो सकते हैं। साथ ही शिक्षकों के पीएचडी स्कालर, शोध परियोजनाएं, विकास संबंधित कामों पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि, अंतिम निर्णय होने के बाद ही स्थितियां स्पष्ट होगी।