Operation Sindoor: भारतीय सेना ने आतंकी ठिकानों को किया नेस्तनाबूद
भारतीय सेना ने आतंकी ठिकानो पर बड़ी स्ट्राइक की है, सेना ने पाकिस्तान और पीओके के अंदर आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। इसमें आतंकी सरगना हाफिज सईद और मसूद अजहर के ठिकाने शामिल हैं। अब तक की जानकारी के अनुसार भारत ने मुजफ्फराबाद, बहावलपुर, मुरीदके, सियालकोट, कोटली, बाघ, गुलपुर, भिंबेर और शकरगढ़ में आतंक के ठिकानों को निशाना बनाया है।
ठीक 15 दिन पहले 22 अप्रैल 2025 हुई पहलगाम आतंकी हमले के प्रतिरोध में भारत ने 6 और 7 मई की दरमियानी रात देश के सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर हमला कर दिया। घातक ड्रोन और मिसाइलों से हुए इस हमलों के जरिए नौ जगहों पर आतंकी ढांचे को नष्ट कर दिया गया। इस अभियान को नाम दिया गया- ऑपरेशन सिंदूर।
29 अप्रैल को सेना के तीनों प्रमुखों, सीडीएस और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार समेत वरिष्ठ मंत्रियों के साथ हुई बैठक में भी प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का जवाब किस तरह होगा और कब होगा, यह तय करने के लिए सेना को खुली छूट दी गई है। इसके बाद यह तय हो गया था कि भारत जल्द कार्रवाई करेगा।
यह कार्रवाई पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर, दोनों के अंदर ऐसी जगहों पर हुई, जहां आतंकियों के ठिकाने मौजूद हैं।
हमले सुनियोजित थे। कुल नौ ठिकानों को निशाना बनाया गया। इसमें यह ध्यान रखा गया कि पाकिस्तान का कोई सैन्य ठिकाना इसकी जद में न आए। भारत ने इस मामले में संयम बरता और सिर्फ आतंकी ढांचों को निशाना बनाया। न्यूज एजेंसियों के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर एक संयुक्त ऑपरेशन था। इसमें वायुसेना, थलसेना और नौसेना की लक्ष्य को सटीक तरीके से भेदने वाली हथियार प्रणालियों यानी प्रीसिशन स्ट्राइक वेपन्स का इस्तेमाल किया गया। हमले में लॉयटरिंग म्यूनिशंस यानी घातक ड्रोन शामिल थे। हमला कहां होना है, इसके बारे में भारत की खुफिया एजेंसियों ने जानकारी दी। वहीं, हमले को भारतीय सरजमीं से ही अंजाम दिया गया।
इसका खुलासा किस तरह हुआ?
खुलासा थलसेना के एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पब्लिक इन्फॉर्मेशन यानी एडीजीपी के एक्स हैंडल के जरिए हुआ। इस हैंडल के जरिए सेना ने पहले रात 1:28 बजे 64 सेकंड का एक वीडियो पोस्ट किया, जिस पर लिखा था- "प्रहाराय सन्निहिताः, जयाय प्रशिक्षिताः"। यानी हमले को तैयार और जीत के लिए प्रशिक्षित। इसके बाद रात 1:51 बजे दूसरा पोस्ट जारी हुआ, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर की तस्वीर के साथ लिखा था- इंसाफ पूरा हुआ, जय हिंद। इसके बाद पत्र सूचना कार्यालय यानी पीआईबी की तरफ से शुरुआती सूचना इस बयान के साथ जारी की गई कि बाद में इस पर विस्तार से ब्रीफिंग दी जाएगी।
अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई कि भारत की मिसाइलें बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने, मुजफ्फराबाद के सेंट्रल ग्रिड सिस्टम और मुरीदके में हाफिज सईद के ठिकाने पर गिरीं। जैश-ए-मोहम्मद का सरगना वही मसूद अजहर है, जिसे 1999 में IC-814 कंधार विमान अपहरण मामले के बाद रिहा करना पड़ा था। मसूद अजहर के पाकिस्तान लौटने के बाद बहावलपुर आतंकियों को प्रशिक्षण देने का बड़ा ठिकाना बन गया।
जैश-ए-मोहम्मद संसद पर 2001 में हुए हमले, 2016 में पठानकोट हमले और 2019 में पुलवामा हमले में शामिल रहा है। वहीं, हाफिज सईद लश्कर-ए-तैयबा का सरगना है, जो 26/11 के मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड है। मुरीदके में ही लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय है। यह आतंकी संगठन 1990 से मुरीदके से ही ऑपरेट करता है। भारत ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के सरगनाओं को निशाना बनाने के लिए ही इन जगहों को चुना। वहीं, मुजफ्फराबाद और कोटली नियंत्रण रेखा के पास है।
(मीडिया खबरों से साभार संकलित)