For the best experience, open
https://m.uttranews.com
on your mobile browser.
Advertisement
2300 रुपये में बिक रहा पार्ले g बिस्किट  युद्ध ने आम लोगों की थाली तक छीन ली

2300 रुपये में बिक रहा पार्ले-G बिस्किट, युद्ध ने आम लोगों की थाली तक छीन ली

06:15 PM Jun 08, 2025 IST | उत्तरा न्यूज टीम
Advertisement
Advertisement

दुनिया में जब कहीं भी युद्ध छिड़ता है, उसकी सबसे बड़ी कीमत हथियार नहीं, आम लोग चुकाते हैं. फिलिस्तीन के ग़ाज़ा में चल रहा युद्ध इस कड़वे सच का सबसे ताजा उदाहरण बन गया है. यहां हालत इतने बदतर हो चुके हैं कि खाने-पीने जैसी बुनियादी चीज़ें भी लोगों की पहुंच से बाहर हो गई हैं. भुखमरी के इस दौर में अब एक बिस्किट का पैकेट भी इंसान की मजबूरी और बेबसी की कहानी बन चुका है.

Advertisement

इन दिनों सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है. इस तस्वीर में पार्ले-G बिस्किट का एक छोटा पैकेट नजर आता है, जिसके ऊपर हाथ से लिखा है – “2300 INR यानी करीब 25 डॉलर.” भारत में जहां यही बिस्किट मात्र 5 रुपये में मिल जाता है, वहीं ग़ाज़ा में इसकी कीमत इतने बड़े स्तर पर पहुंच जाना इस बात का प्रमाण है कि वहां के हालात कितने भयानक हो चुके हैं.

Advertisement

ग़ाज़ा में महीनों से जारी युद्ध के चलते वहां की सप्लाई चेन पूरी तरह से ठप पड़ चुकी है. सीमा सील कर दी गई है, बाजार बंद पड़े हैं, और ज्यादातर इलाकों में जरूरी सामान की आपूर्ति पूरी तरह रुक चुकी है. लोग भूख से बिलबिला रहे हैं, बच्चों को दूध नहीं मिल पा रहा, और खाने की तलाश में वे कचरे तक खंगालने को मजबूर हो चुके हैं. ऐसे हालात में जब भी कोई सामान बाजार तक पहुंचता है, तो उसकी कीमत आम लोगों की पहुंच से बहुत बाहर हो जाती है.

2300 रुपये में बिकता पार्ले-G सिर्फ एक बिस्किट का दाम नहीं है, ये उस त्रासदी की तस्वीर है जो युद्ध से जन्म लेती है. यह दिखाता है कि युद्ध केवल मिसाइलों और बमों से नहीं लड़ा जाता, असल लड़ाई तो आम इंसान की थाली से लड़ी जाती है. जब बच्चों के हिस्से का दूध, रोटी और बिस्किट तक छीन लिया जाए, तब समझा जा सकता है कि जंग की सबसे बड़ी मार कहां पड़ती है.

Advertisement

भारत में पार्ले-G को एक साधारण बिस्किट माना जाता है. स्कूल जाने वाले बच्चों से लेकर मज़दूरी करने वाले लोगों तक, यह बिस्किट हर तबके की ज़रूरत और पसंद रहा है. लेकिन ग़ाज़ा में यही पार्ले-G आज जंग की भयावहता का प्रतीक बन चुका है. यह उस भूख की कहानी कहता है, जो बारूद की नहीं, बल्कि इंसानियत की हार है.

इस तस्वीर और इससे जुड़ी कहानी ने सोशल मीडिया पर भावनाओं का सैलाब ला दिया है. लोग युद्ध की निंदा कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि आम नागरिकों को राहत पहुंचाई जाए. लेकिन फिलहाल ग़ाज़ा में ज़िंदगी सिर्फ एक बिस्किट के लिए संघर्ष करती नजर आ रही है.

यह घटना सिर्फ एक देश की नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए एक चेतावनी है. युद्ध के फैसले जब ऊपर बैठकर लिए जाते हैं, तो उसकी चीत्कार सबसे नीचे की परत में सुनाई देती है – भूख से तड़पते बच्चे, खाली थाली और 5 रुपये का बिस्किट जो 2300 रुपये में बिक रहा है. यही जंग की असली कीमत है.

Advertisement