अभी अभी
उत्तराखंड | नैनीतालहरिद्धारसोमेश्वररूद्रप्रयागरामनगरभतरोजखानबेरीनागबेतालघाटबागेश्वरपौड़ी गढ़वालपिथौरागढ़हरिद्वारहल्द्धानीदेहरादूनअल्मोड़ाताड़ीखेतचम्पावतऊधम सिंह नगरउत्तरकाशी
जॉब अलर्ट
देश | हिमांचल प्रदेश
दुनिया
Advertisement

मौत के बाद शव को काटकर खा जाते है यहां के लोग, यह अजीबो गरीब प्रथा रोंगटे खड़े कर देगी

11:42 AM Sep 20, 2024 IST | editor1
Advertisement

इंसान के मरने के बाद दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से लोगों का अंतिम संस्कार किया जाता है। वहीं कुछ जगहों पर तो अंतिम संस्कार करने की प्रक्रिया ऐसी होती है कि जो सुनने में भी बड़ी अजीब लगती है।

Advertisement

Advertisement


तो क्या आप जानते हैं कि एक जगह ऐसी भी है जहां पर मरने के बाद उस व्यक्ति का शव काटकर लोग खा जाते हैं। तो चलिए आज हम इस अजीब प्रथा के बारे में यहां बताते हैं।

Advertisement

किसी अपने की मौत हर व्यक्ति के लिए दुख का कारण होती है। ऐसे में उसके मरने के बाद रीति-रिवाज से उसका अंतिम संस्कार कर उसकी आत्मा को शांति दी जाती है। अंतिम संस्कार का यह तरीका हर जगह अलग-अलग होता है। कुछ जगहों पर अंतिम संस्कार के तरीके सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि एक जगह ऐसी भी है जहां पर अंतिम संस्कार के समय लोग उस व्यक्ति का शव काटकर खा जाते हैं।

Advertisement


कुछ जगहें तो ऐसी हैं जहां लोग शवों को सड़ाकर खाते हैं। कुछ लोग तो पहले इन शवों को सड़ाते हैं और फिर उस समय तक सड़ाते हैं जब तक इस शरीर से पानी जैसा तरल पदार्थ ना निकलने लगे. सुनने में काफी अजीब लगने वाली प्रथा आज भी निभाई जाती है। कुछ इतिहासकारों का कहना है कि ये प्रथा इसलिए निभाई जाती है ताकि इस तरह पदार्थ से शराब बनाई जा सके और अपने प्रियजनों की याद में उसे पिया जा सके।

बता दें इंडो-यूरोपीय इलाकों में यह प्रथा खासतौर पर ग्रामीण और आदिवासी समुदायों में प्रचलित है। इसके जैसी प्रथाएं दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी देखी जा सकती हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से शव खाने की प्रक्रिया को स्वास्थ्य और स्वच्छता की दृष्टि से अच्छा नहीं माना जाता है। कुछ शोध बताते हैं कि यह प्रथा पर्यावरणीय दृष्टिकोण से अच्छी हो सकती है, क्योंकि यह प्राकृतिक चक्र का हिस्सा बनती है।

Advertisement
Advertisement
Next Article