अभी अभी
उत्तराखंड | नैनीतालहरिद्धारसोमेश्वररूद्रप्रयागरामनगरभतरोजखानबेरीनागबेतालघाटबागेश्वरपौड़ी गढ़वालपिथौरागढ़हरिद्वारहल्द्धानीदेहरादूनअल्मोड़ाताड़ीखेतचम्पावतऊधम सिंह नगरउत्तरकाशी
जॉब अलर्ट
देश | हिमांचल प्रदेश
दुनिया
Advertisement

राज्य स्थापना दिवस पर गेवाड़ की जनता विकास के लिए करेगी रक्तदान

08:35 PM Nov 05, 2024 IST | editor1
Advertisement
Advertisement

People of Gevad will donate blood for development on State Foundation Day

Advertisement

न्यायाधीशों सहित प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति जी को भी भेजे जाएंगे खून से लिखे पत्र

हेम कांडपाल-हमारा मंच,हमारी बात-

Advertisement

चौखुटिया/अल्मोड़ा: देश की आजादी के आंदोलन में क्रांतिकारी सुभाष चंद्र बोस ने जनता से अपील की थी कि तुम हमें खून दो हम तुम्हें आजादी देंगे, और आज गेवाड़ विकास समिति कह रही है कि तुम हमें खून दो हम तुम्हें विकास देंगे l

Advertisement


आज आजादी के 77 साल बाद गेवाड़ घाटी की जनता को उसी नारे का सहारा लेना पड़ रहा है भले ही उस नारे के माने बदल गए हैं, उद्देश्य बदल गया है पर नारे की प्रासंगिकता जीवंत है, बस तब खून देने का मतलब प्राण न्यौछावर करना था पर आज खून से उच्च न्यायालय व उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों, प्रधानमंत्री , राष्ट्रपति , मुख्यमंत्री व राज्यपाल को खून से लिखा पत्र भेजा जाएगा l आजादी के आंदोलन में क्रांतिवीर सुभाषचंद्र बोस ने अपील की थी और आज गेवाड़ विकास समिति अपील कर रही है l


इसके लिए 9 नवंबर की तिथि निर्धारित की गई है जिसमें लोग सुबह 10 बजे चौखुटिया के क्रांतिवीर चौराहे पर एकत्रित होने के बाद ब्लाक कार्यालय तक जायेंगे वहां से लौटने के बाद आरती दर्शन घाट ( छठ घाट) पर एकत्रित होकर रक्तदान करेंगे l उसी रक्त से पोस्टकार्ड लिखकर भेजे जाएंगे l रक्त पत्र के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत जरूरतों के साथ ही ज्वलंत समस्याओं व लंबित मांगों को पूरा करने की गुहार लगाई जाएगी l

यह भी अजीब संयोग है कि जब पूरे प्रदेश की जनता राज्य स्थापना दिवस की खुशियां मना रही होगी तब गेवाड़ की जनता क्रांतिवीर चौराहे से अपने संघर्ष का बिगुल बजा रही होगी l


याद रखना होगा कि यह गेवाड़ घाटी की वही भूमि है जिसने राज्य आंदोलन के दौरान रक्त पत्र अभियान के साथ ही रक्त कुंभ अभियान चलाकर यूपी व दिल्ली की तत्कालीन सरकारों को हिला दिया था ।


इसलिए शासन प्रशासन से निवेदन है कि जनता के इस अभियान को कतई हल्के में लेने की भूल न की जाए ।पिछले एक साल से मांग पत्र देते थक चुके समिति के पदाधिकारियों के सब्र का बांध टूट गया है, जनता निराश और हताश है, उच्च शिक्षा से वंचित छात्र परेशान है ,तो स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में बीमार आए दिन दम तोड रहे हैं, बांकि लंबित मांगों का तो कोई खैरख्वा ही नही दिख रहा है l इसलिए समय गंवाए बिना मांगों पर कार्रवाई जरूरी है l

Advertisement
Advertisement
Next Article