नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को धन्वंतरि जयंती और 9वें आयुर्वेद दिवस पर देश बड़ी सौगातें दी हैं। उन्होंने मंगलवार को स्वास्थ्य क्षेत्र से संबंधित 12,850 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत वाली कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।पीएम मोदी ने स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए डिजिटलीकरण को भी बढ़ावा दिया और गर्भवती महिलाओं और बच्चों के वैक्सीनेशन प्रोसेस को डिजिटल बनाने वाले यू-विन पोर्टल की शुरुआत कर दी है। यू-विन पोर्टल के जरिए जन्म से 17 साल तक के बच्चों के वैक्सीनेशन का परमानेंट डिजिटल रिकॉर्ड मेंटेन किया जाएगा।इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने मेक इन इंडिया विजन के अनुरूप चिकित्सा उपकरणों और थोक दवाओं के लिए पीएलआई योजना के तहत पांच परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी संबद्ध और स्वास्थ्य पेशेवरों और संस्थानों के लिए एक पोर्टल भी लॉन्च किया। यह मौजूदा स्वास्थ्य पेशेवरों और संस्थानों के केंद्रीकृत डेटाबेस के रूप में कार्य करेगा।'यू-विन' पोर्टल को नियमित वैक्सीनेशन का इलेक्ट्रानिक रजिस्ट्रेशन और रिकॉर्ड रखने के लिए विकसित किया गया है। यह पोर्टल अभी पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर संचालित किया जा रहा था। अब यह राष्ट्रीय स्तर पर लागू कर दिया गया है. को-विन की तरह ही यू-विन पोर्टल काम करेगा।कोविड-19 के समय चर्चा में रहा है। इस पोर्टल के जरिए वैक्सीन लगवाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होता है और बाद में इसी पोर्टल से वैक्सीन सर्टिफिकेट डाउनलोड किया जा सकता है। को-विन की तरह ही यू-विन पोर्टल को देशभर में लागू किया जा रहा है।इसका उद्देश्य नियमित टीकाकरण की इलेक्ट्रॉनिक रजिस्ट्री बनाए रखना है। यह टीकाकरण प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल बनाकर गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को लाभान्वित करेगा। इस पोर्टल के जरिए सभी गर्भवती महिलाओं और जन्म से 16 वर्ष तक के बच्चों को बीमारियों के खिलाफ जीवन रक्षक टीकों का समय पर दिया जाना सुनिश्चित होगा।यूनिवर्सल वैक्सीनेशन प्रोग्राम के तहत टीकाकरण के हर चरण को डिजिटल रूप से रिकॉर्ड रखा जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि समय पर वैक्सीन की खुराक मिल जाए। वैक्सीनेशन सत्रों की मदद से 12 ऐसी बीमारियों को टारगेट किया जाएगा, जिनकी रोकथाम वैक्सीन से की जा सकती है। इन बीमारियों के लिए टीकों की मदद से सालाना गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को फायदा पहुंचाया जाएगा। इसका एक उद्देश्य यह भी है कि भारत से 'जीरो-डोज चिल्ड्रन', यानी ऐसे बच्चे जिन्हें नियमित तौर पर टीका नहीं लगाया गया, उनकी संख्या को शून्य तक पहुंचाया जाएगा।यू-विन प्लेटफॉर्म कोविड वैक्सीन सर्टिफिकेट की तरह ही एक क्यूआर-आधारित ई-वैक्सीन सर्टिफिकेट जारी करता है, जिसे नागरिक एक क्लिक पर डाउनलोड कर सकते है।वैक्सीनेशन के दौरान, यह पोर्टल खुद ही उन बच्चों की सूची तैयार करता है जिन्हें वैक्सीन लगाई जानी है। उसके बाद यह पोर्टल, उन बच्चों के माता-पिता को मैसेज अलर्ट भेजता है, जिसमें वैक्सीनेशन की तारीख और उन नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों का ब्यौरा होता है, जहां वे टीका लगवा सकते हैं। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि किसी का भी टीकाकरण छूट न जाए, और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका फायदा मिले।फिलहाल, अब तक वैक्सीनेशन रिकॉर्ड मैन्युअल रूप से तैयार किए जाते हैं, जिससे फिजिकल रिकॉर्ड रखने में असुविधा होती है। इस डेटा के डिजिटलीकरण से वैक्सीनेशन सत्रों की प्लानिंग और इसके रियल-टाइम अपडेट बेहतर ढंग से उपलब्ध हो सकेंगे। यह विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में लाभार्थियों के बीच व्यक्तिगत ट्रैकिंग और जागरूकता की कमी को भी संबोधित करेगा ताकि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वैक्सीनेशन कवरेज में असमानता कम हो सके।यू-विन का उद्देश्य वैक्सीनेशन सेवाओं की सारी सूचनाओं और डेटा को एक जगह उपलब्ध करवाना है। यह पोर्टल प्रेग्नेंसी के वक्त से ही डेटा इकट्ठा करना शुरू करेगा और आगे चलकर नवजात शिशु के पंजीकरण, जन्म से वैक्सीनेशन रिकॉर्ड को इसमें जोड़ता जाएगा और वैक्सीनेशन की स्थिति और प्रसव के नतीजों पर रियल-टाइम अपडेट भी मुहैया कराएगा।यू-विन पोर्टल से टीकाकरण प्रणाली के डिजिटलीकरण के साथ, निर्धारित टीकाकरण अवधि में देश में कहीं भी टीकाकरण सेवाओं का लाभ उठाया जा सकता है। यह पोर्टल सिस्टम पंजीकरण पुष्टिकरण, आगामी टीकाकरण को याद दिलाने के लिए एसएमएस अलर्ट भी भेजता है। बच्चों के जन्म से ही डिजिटल और व्यक्तिगत वैक्सीनेशन रिकॉर्ड रखा जाएगा। सरकार को उम्मीद है कि वह अपने टीकाकरण दायरे से बाहर रहने वाले बच्चों तक पहुंच पाएगी।