उत्तराखंड की सियासत में भूचाल: भाजपा नेता का दावा - कांग्रेस के 10 विधायक बदल सकते हैं पाला
उत्तराखंड की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है। भारतीय जनता पार्टी के नेता मथुरा दत्त जोशी के बयान ने कांग्रेस खेमे में चिंता की लहर दौड़ा दी है। जोशी का दावा है कि कांग्रेस के 10 विधायक जल्द ही भाजपा में शामिल होने वाले हैं। इस खुलासे ने राजनीतिक गलियारों में सरगर्मी बढ़ा दी है, खासकर तब जब राज्य में 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।
क्या बोले मथुरा दत्त जोशी?
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए मथुरा दत्त जोशी का यह बयान यूं ही नहीं आया है। उन्होंने साफ-साफ कहा है कि कांग्रेस के दस विधायक पार्टी छोड़ने की तैयारी में हैं और जल्दी ही भगवा दल का दामन थाम सकते हैं। उनका यह दावा कांग्रेस के लिए न केवल एक बड़ा राजनीतिक झटका है, बल्कि विधानसभा चुनाव से पहले एक रणनीतिक चुनौती भी बन सकता है।
कांग्रेस में टूट की आशंका या सिर्फ सियासी बयानबाज़ी?
मथुरा दत्त जोशी के बयान के बाद राजनीतिक विश्लेषकों में भी चर्चा तेज़ हो गई है। क्या यह वाकई कांग्रेस में अंदरूनी खींचतान का संकेत है, या फिर भाजपा की रणनीति के तहत किया गया बयान? गौरतलब है कि भाजपा पहले भी कई कांग्रेसी नेताओं को अपने पाले में कर चुकी है, जिससे कांग्रेस की ताकत पर असर पड़ा है। लेकिन इस बार मामला थोड़ा अलग दिख रहा है।
करन माहरा का पलटवार: भाजपा में ही उथल-पुथल, कांग्रेस एकजुट
भाजपा नेता के बयान का कांग्रेस ने भी तुरंत जवाब दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने तीखा पलटवार करते हुए कहा कि जोशी से पहले भी कई कांग्रेस नेता भाजपा में शामिल हो चुके हैं, जिससे खुद भाजपा असंतुलन की स्थिति में है। माहरा ने कहा, "भाजपा में अब कांग्रेस नेताओं के लिए कोई जगह बची नहीं है। पार्टी पूरी तरह एकजुट है और किसी विधायक के पार्टी छोड़ने का सवाल ही नहीं उठता। भाजपा को अब अपने ही नेताओं को संभालना मुश्किल हो रहा है।"
2027 चुनाव की आहट और राजनीतिक समीकरण
प्रदेश में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर सभी दल अपनी-अपनी रणनीतियों को धार देने में लगे हैं। ऐसे में इस तरह के बयानों का असर सिर्फ वर्तमान राजनीति तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि आने वाले चुनावी समीकरणों पर भी गहरा असर डालेगा। कांग्रेस जहां वापसी की कोशिश में है, वहीं भाजपा अपने संगठन को मजबूत करने में जुटी है। मथुरा दत्त जोशी का यह बयान उस राजनीतिक माहौल को और गरमा सकता है।