रुद्रप्रयाग में बारिश का कहर: 16 कमरों का भवन नदी में समाया, जीवन भर की कमाई मिट्टी में मिली
उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश ने पूरे पहाड़ी क्षेत्र में जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। सोमवार देर रात रुद्रप्रयाग जिले के जखोली ब्लॉक में एक बड़ा हादसा हो गया, जिसमें 16 कमरों का एक पूरा भवन भूस्खलन की चपेट में आकर लस्तर नदी में समा गया।
यह घटना रुद्रप्रयाग जिले के धारकुड़ी क्षेत्र की है, जहां भारी बारिश ने बांगर पट्टी में स्थित इस भवन के ढहले से लोगों की मेहनत और जीवनभर की कमाई मिट्टी में मिल गई।
भूस्खलन का शिकार हुआ विशाल भवन जखोली ब्लॉक के बांगर पट्टी के धारकुड़ी में मयाली-रणधार मोटर मार्ग पर बना यह लंबा सा भवन भूस्खलन की चपेट में आने से पूरी तरह ध्वस्त हो गया।
यह हादसा सोमवार रात को हुआ, लेकिन प्रशासन को इसकी जानकारी मंगलवार सुबह मिली, जिसके बाद प्रशासन की टीम घटनास्थल पर पहुंची।
भवन में थीं कई दुकानें और आवासीय कमरे ध्वस्त हुए भवन में 16 कमरे थे, जिनमें से 11 कमरे मकान सिंह पंवार के थे, 3 कमरे सज्जन सिंह मेंगवाल के, और 2 कमरे कुलदीप भारती के थे। इनमें कुछ आवासीय कमरे थे और कुछ दुकानें। सज्जन सिंह मेंगवाल के अनुसार, उनके तीन मंजिला मकान में एक दुकान भी थी, जिसमें कम्प्यूटर, प्रिंटर मशीन और अन्य करीब पांच लाख रुपये का सामान पूरी तरह से नष्ट हो गया। इस हादसे में उनकी जीवन भर की कमाई मिट्टी में मिल गई।
प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया
भूस्खलन से हुए इस हादसे के बाद, मंगलवार को एसडीएम जखोली भगत सिंह फोनिया, तहसीलदार बीएल आर्य, और राजस्व उप निरीक्षक घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। एसडीएम ने बताया कि दुकानों के नुकसान के मुआवजे के लिए मुख्यमंत्री को पत्र भेजा जाएगा, जिससे प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा मिल सके।
इस घटना ने स्थानीय निवासियों और भवन स्वामियों को चिंता में डाल दिया है। भारी बारिश और भूस्खलन से हुए इस नुकसान ने लोगों के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है, जिसमें उनकी संपत्ति और व्यापार दोनों ही प्रभावित हुए हैं। उत्तराखंड में बारिश का यह कहर कब थमेगा, यह सवाल अब हर किसी के मन में है।