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जागेश्वर पहुंचे डीएम के सामने उठायी जागेश्वर धाम की बेशकीमती जमीन को खुर्द-बुर्द करने की शिकायत

08:16 AM Oct 06, 2024 IST | editor1
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Reached Jageshwar and raised complaint against DM regarding destruction of precious land of Jageshwar Dham

अल्मोड़ा। शनिवार को जागेश्वर पहुंचे डीएम के सामने स्थानीय निवासियों ने मंदिर की खुर्दबुर्द हो चुकी अरबों की जमीन के मामले की शिकायत डीएम के समक्ष उठाई
डीएम ने जागेश्वर धाम को उनकी जमीनें वापस दिलाने की मांग भी की। साथ ही मामले में जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति के माध्यम से हाईकोर्ट में रिट दायर करवाने की मांग उठाई।

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शनिवार को डीएम आलोक कुमार पांडे और सीडीओ दिवेश शाशनी को जागेश्वर धाम पहुंचे। उन्होंने यहां पर ज्योर्तिलिंग जागेश्वर, पुष्टिदेवी, महामृत्युंजय सहित अन्य मंदिरों में विधि-विधान से पूजन किया। इसके बाद डीएम ने मास्टर प्लान के कार्यों की समीक्षा करते हुए अफसरों को जरूरी दिशा निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने जागेश्वर में राजकीय संस्कृत विद्यालय खोलने के लिए भूमि का निरीक्षण किया।

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इस दौरान लोगों ने डीएम के समक्ष भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा प्राचीन भवनों की मरम्मत के लिए अनुमति नहीं देने का मामला भी उठाया। डीएम ने एएसआई के अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए।

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इस दौरान स्थानीय निवासियों ने डीएम को बताया कि राजा आनंद सिंह ने जागेश्वर के नाम 1936 में सैकड़ों नाली जमीन की थी। राजा ने उस जमीन से अर्जित आय सेजागेश्वर मंदिर की पूजा व्यवस्थाएं सुचारु रखने का प्रावधान अपनी वसीयत में लिखा था। बकायदा राजा ने वसीयत में उस अरबों की जमीन का स्वामी भी श्री जागेश्वर को बनाया था।

उन्होंने बताया कि कालांतर में वह जमीन पूरी तरह खुर्दबुर्द हो चुकी है। कुछ लोगों ने फर्जी तरीके से उस जमीन पर कब्जा जमा रखा है। डीएम ने कहा कि वह जल्द ही उस जमीन को लेकर विधिक परीक्षण कराएंगे। साथ ही मामले की जांच भी कराएंगे।


इस दौरान डीएम के समक्ष जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति का सीएजी ऑडिट करवाने की मांग भी उठाई। लोगों ने यह भी कहा कि उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट लिखा है कि जागेश्वर मंदिर समिति का सीएजी ऑडिट किया जाएगा। मंदिर समिति गठन के करीब 10 साल में एक बार भी सीएजी ऑडिट नहीं हो पाया। आरोप लगाया कि मनमाने तरीके से ऑडिट कराया जा रहा है। उन्होंने जागेश्वर मंदिर समिति में पिछले तीन साल के भीतर पांच सदस्यीय कमेटी की लिखित अनुमति बगैर हुए कार्यों की भी जांच की मांग उठाई। मोहन भट्ट, विनोद भट्ट, मुकेश भट्ट,रोशन कुमार हरीश भट्ट, पूरन चन्द्र भट्ट, नवीन भट्ट, दीपा देवी, राम सिंह , हरिमोहन आदि ने डीएम से मुलाकात‌ कर उन्हें ज्ञापन दिया।

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