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अल्मोड़ा, 26 अगसत 2024— अल्मोड़ा के दुगाखोला में भादों माह में होने वाले सातूं-आठू पर्व के कार्यक्रमों की धूम मची हुई है। दुगालखोला निवासी चन्द्रमणी भट्ट प्रतिवर्ष अपने आवास में इस कार्यक्रम का आयोजन कराते हैं।
इस बार भी यहांगौरा (पार्वती) और महेश्वर (शिवजी) की मूर्ति की स्थापना कर सातूं-आठू (दोड़ दुबड़ा व्रत) विद्वान पंडितों के द्वारा कलश स्थापना कर पूजा अर्चना कर महोत्सव का प्रारम्भ किया। कई स्थानीय महिलाएं इस कार्यक्रम में प्रतिभाग कर रहीं हैं। यहां गौरा महेश्वर की मूर्ति सात पेड़ों से बनाई जाती है जिसमें कुकुड़ी —मुड़ नामक वनस्पतियों का विशेष महत्व है।
दुगालखोला में यह महोत्सव 28 अगस्त तक चलेगा 28 अगस्त को डोले के साथ दुगालखोला देवी मंदिर में साय 4 बजे मूर्तियों का विसर्जन किया जायेगा।
कार्यक्रम के दौरान गौरा महेश्वर की मूर्ति स्थापित के पूर्व पंचमी 23अगस्त को सात अनाजों के विरुड़ बना कर मंदिर में रखें गये। ये विरूड 28 का गौरा महेश्वर को भोग लगाया जाएगा।
कार्यक्रम आयोजकों ने बताया कि इस दिन महिलाएं व्रत रखती है एव हाथ में तागे का डोर बना कर हाथ में बाधती है डोर के वृत के दिन साम को पूजा करके खाना खाती है डोर वृत बच्चों की रक्षा के रखा जाता है और दुबडे का व्रत पति की रक्षा के लिए रखा जाता है इस दिन महिलाएं रात दिन निर्जला व्रत रखती है । ग्रामीण क्षेत्रों में इस त्योहार का बहुत प्रचलन है। महिलाएं कई दिनों से इसकी तैयारी में रहती है अल्मोड़ा में भी अब कई स्थानों पर यह त्योहार मनाया जाता है।
असल में यह त्योहार लड़की के ससुराल से मायके आने की कहानी है,जो भावनात्मक है। अल्मोड़ा दुगालखोला में चन्द्र मणी भट्ट जी के घर में होता आया है।
इस बार यह महोत्सव भगवती गुरूरानी की अध्यक्षता में आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम के लिए गौरा महेश्वर की मूर्ति बनाने में षष्टी भट्ट घनश्याम गुरुरानी, मोहन भट्ट, चन्द्र मणी भट्ट, तारा भट्ट, कमला भट्ट, संगीता भट्ट हेमा पाण्डेय,खष्टी भट्ट, बन्टी गुरुरानी, मुकेश लोहनी ने सहयोग किया