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उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में चकेरी-भौंती एलिवेटेड रोड पर सोमवार को भीषण सड़क हादसे की खबर सामने आई है। वही आगे चल रहे डंपर के अचानक ब्रेक लगाने पर ऑल्टो कार उसमें जा घुसी, इसके बाद पीछे आ रहे सरिया लदे ट्रॉली ने ऐसी टक्कर मारी कि कार दोनों बड़े वाहनों के बीच पिचककर गठरी बन गई।
वहीं कार सवार पीएसआईटी के चार बीटेक छात्रों और ड्राइवर की मौके पर ही मौत हो गई। इसमें दो छात्राएं भी थीं। उनके शव क्षत-विक्षत हो गए। भौंती हाईवे के पास एलिवेटेड रोड पर हुए इस भीषण हादसे के बाद बस कुछ देर ही कार सवारों की चीखें सुनाई दीं। फिर सब शांत हो गए।
40 मिनट तक कटर से कार की छत और दरवाजे काटने के बाद शव दिखने शुरू हुए। डंपर और ट्रॉली के चालकों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। सोमवार सुबह 8:30 बजे के बाद हुए इस हादसे की वजह से हाईवे पर करीब तीन घंटे जाम लगा रहा।
प्रत्यक्षदर्शी जुगराजपुर निवासी विश्वास शुक्ला ने बताया कि वह कल्याणपुर जा रहे थे, तभी देखा कि दो ट्रकों के बीच कार फंसी हुई थी। उसने बताया कि सात से आठ मिनट तक चीख पुकार मची रही, लड़के और लड़कियों की चीखें सुनाई देती रही। इसके बाद कार से आने वाली चीखें बंद हो गई। किसी को इतना भी वक्त नहीं मिला की मोबाइल तक उनके हाथ भी पहुंच पाते।
चार साथियों की मौत की खबर सुनकर कई छात्र पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। जहां सहपाठियों का शव देख उनके भी आंखों से आंसू छलक उठे। छात्र छात्राएं एक दूसरे को ढांढस बंधाते नजर आ रहे थे। कॉलेज के वाइस प्रेसिडेंड अभिजित सिंह भी अपने स्टाफ के साथ पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे और परिजनों से मुलाकात की।
40 मिनट तक काटी गई कार तब दिखा प्रतीक का घड़ी वाला हाथ
डंपर के पीछे घुसी छात्रों की कार को ट्रॉली ने इतनी जोर की टक्कर मारी थी कि करीब सात फीट की ऑल्टो पिचक कर लोहे का टुकड़ा बन गई। कार में कितने लोग और कौन बैठा था, यह पहचानना मुश्किल था। बचाव कार्य में जुटी पुलिस व दमकल की टीमों ने करीब 40 मिनट तक कटर से कार छत और दरवाजों को काटा, तब जाकर छात्रों और चालक के शवों को बाहर निकाला।
हादसे में मरने वाले चारों छात्र छात्राएं पीएसआईटी से बीटेक कर रहे थे। भौंती में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के सामने फ्लाईओवर खत्म होने से 100 मीटर पहले हादसा हुआ है। आगे जा रहे डंपर चालक के ब्रेक लगाने के बाद छात्रों की कार का चालक विजय साहू जब तक ब्रेक लगा पाता, तब तक कार आगे डंपर से जा टकराई। एक क्षण भी न बीत पाया कि तभी पीछे से 70 टन सरिया लाद कर आ रहे ट्रॉली ने भी कार को टक्कर मार दी। इससे हाईवे पर चीख पुकार मच गई। पुलिस ने कार की दशा देखकर तत्काल ही दमकल टीम को बुलाया। फिर सबसे पहले आगे वाले डंपर को स्टार्ट कर किनारे खड़ा कराया गया।
कटर और हाइड्रोलिक कटर की मदद से कार का बांया दरवाजा काटा तो सबसे पहले ग्रे जींस वाला पैर और काली घड़ी वाला हाथ दिखाई दिया। साथ ही नीला बैग भी नजर आया। यह प्रतीक था, जो ड्राइवर के बगल में बैठा था। चेहरा पूरी तरह लहुलुहान था। इसके बाद दूसरी ओर से दरवाजा काटने पर ड्राइवर विजय साहू का शव दिखा।
स्टेयरिंग उसकी पसलियों से सटा था और गर्दन दायीं ओर घूमी थी। इसके बाद कार को थोड़ा और काटने पर कुर्ती और बाल दिखे, कुछ और साफ किया गया तो सामने छात्रा गरिमा त्रिपाठी का शव दिखाई दिया।
इसके बाद पीछे बैठी आयुषी पटेल और ग्रे जींस व चेकदार शर्ट पहने सतीश कुमार के शव कड़ी मशक्कत के बाद निकाले जा सके। सभी शव कांच के टुकड़े घुसने से छलनी हो चुके थे। सरिया लदे ट्राॅला को दो हाइड्रा क्रेन की मदद से किनारे खड़ा कराया गया।
फिलहाल हादसे की स्पष्ट वजह अभी सामने नहीं आई है। दोनों डंपरों के चालकों की गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है। मामले में गैर इरादतन हत्या समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है।