अभी अभी
उत्तराखंड | नैनीतालहरिद्धारसोमेश्वररूद्रप्रयागरामनगरभतरोजखानबेरीनागबेतालघाटबागेश्वरपौड़ी गढ़वालपिथौरागढ़हरिद्वारहल्द्धानीदेहरादूनअल्मोड़ाताड़ीखेतचम्पावतऊधम सिंह नगरउत्तरकाशी
जॉब अलर्ट
देश | हिमांचल प्रदेश
दुनिया
Advertisement

यूट्यूब से सीखा एएसपी की वर्दी पहनना, फिर पहुंच गई थाने का निरीक्षण करने, उसके बाद जो हुआ…

01:26 PM Nov 25, 2024 IST | editor1
Advertisement

भोपाल के टीटीनगर थाने में शुक्रवार शाम एक अजीबोगरीब मामला सामने आई है। यहां एक युवती एडिशनल एसपी की वर्दी पहनकर थाने में घुस आई और वहां मौजूद पुलिसकर्मियों को अपनी जालसाजी में फंसा लिया।

Advertisement

Advertisement

युवती के इस नाटक का खुलासा तब हुआ जब थाना प्रभारी (टीआई) ने उसकी वर्दी और लहजे को लेकर कुछ सवाल किए। युवती ने खुद को 2018 बैच की डीएसपी (डिप्टी एसपी) बताया और पुलिस अधिकारियों के साथ रौब झाड़ने की कोशिश की। पहले तो टीआई और अन्य पुलिसकर्मी उसे असली अधिकारी समझते हुए सम्मानित करते रहे, लेकिन कुछ देर बाद टीआई को उसकी बातों और वर्दी में लगी नेमप्लेट को देखकर शक हुआ। उन्होंने युवती से उसके बैच और बैचमेट्स के बारे में पूछा। इस पर युवती सही जवाब नहीं दे पाई और झूठ पकड़ा गया।

Advertisement

Advertisement

टीआई ने सख्ती से पूछताछ की तो युवती ने अपनी पहचान का खुलासा करते हुए बताया कि उसने यह सब अपनी परिवार को रुतबा दिखाने के लिए किया । उसने स्वीकार किया कि वह असल में एक फर्जी अधिकारी है। युवती ने यह भी बताया कि उसने यूट्यूब पर देख कर पुलिस की वर्दी पहनने का तरीका सीखा और इंदौर में पुलिस कैंटीन के पास एक दुकान से वर्दी, बेल्ट और जूते खरीदे थे। बैज और अन्य सामान भी उसने वहां से बनवाए थे।

जानकारी के अनुसार इस युवती का नाम शिवानी चौहान है, जो कि 24 साल की है और वह इंदौर के एमआईजी रोड की रहने वाली है। शिवानी ने पुलिस के सामने यह बताया कि वह MPPSC और UPSC की परीक्षा दे चुकी है, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। जिसके बाद उसने फर्जी अधिकारी बनने का निर्णय लिया और वर्दी पहनने का तरीका यूट्यूब से सीखा। उसने अपने परिवार को यह झूठ बताया कि उसे पीएचक्यू (पुलिस मुख्यालय) ने जॉइनिंग के लिए बुलाया है और उसने भोपाल के टीटीनगर थाने में अपना ऑफिस बताया था।

शिवानी ने बताया कि शुक्रवार को वह इंदौर से भोपाल आई थी और यहां अपने भाई और भाभी के साथ शॉपिंग करने के बाद थाने के पास पहुंची। उसने यह भी बताया कि वह अपने परिवार को यह दिखाना चाहती थी कि वह पुलिस विभाग में अधिकारी बन गई है और इसीलिए उसने ऐसा किया।

शिवानी के फर्जी अधिकारी बनने की कोशिश का पर्दाफाश थाना प्रभारी सुनील भदौरिया की सूझबूझ से हुआ। जब उसने युवती से पुलिस से संबंधित सवाल किए और इसका वह सही उत्तर नहीं दे पाई। तो उन्हें शक हुआ। इसके बाद टीआई ने सख्ती से पूछताछ की और शिवानी ने अपना अपराध कबूल किया।

टीआई ने बताया कि युवती के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और उसे रात के समय जमानत मिल गई। शिवानी को थाने से छोड़ने के बाद इस घटना को लेकर पुलिस ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। यह घटना एक बार फिर से यह साबित करती है कि समाज में कुछ लोग रुतबा दिखाने और अपने परिवार को प्रभावित करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। हालांकि इस तरह की घटनाएं पुलिस महकमे की छवि को भी धूमिल करती हैं। शिवानी की जमानत के बाद उसे छोड़ा तो गया, लेकिन यह मामला पुलिस विभाग के लिए एक चेतावनी है कि इस तरह की घटनाओं पर नज़र रखी जाए।

Advertisement
Advertisement
Next Article