स्पॉटिफाई पर फर्जी पॉडकास्ट के जरिए नशे की दवाएं बेचने का खुला आरोप
स्पॉटिफाई पर कुछ नकली पॉडकास्ट चलाए जा रहे हैं जिनमें ज़ैनक्स ऑक्सीकोडोन और ट्रामाडोल जैसी नशीली दवाइयां बेचने की बात होती है। सीएनएन की रिपोर्ट में बताया गया कि ऐसे पॉडकास्ट के नाम माई एडरल स्टोर और एक्सट्राफार्मा डॉट कॉम जैसे थे और इनके एपिसोड के शीर्षक में ऑनलाइन दवाएं खरीदने की जानकारी दी जाती थी। ये पॉडकास्ट थर्ड पार्टी वेबसाइट के लिंक से जुड़े थे जिनके जरिए ये दवाएं बेची जा रही थीं।
स्पॉटिफाई का ऑटोमेटिक सिस्टम इन्हें हटाने में नाकाम रहा और लोग आसानी से इन्हें सुन पाते थे। लाखों युवा रोजाना स्पॉटिफाई पर आते हैं इसलिए ये मामला इस प्लेटफॉर्म के लिए बड़ी मुसीबत बन सकता है। पहले भी खबरें आई थीं कि स्पॉटिफाई ने दो सौ से ज्यादा ऐसे पॉडकास्ट हटा दिए जिनमें नशीली दवाओं का प्रचार था लेकिन सोशल मीडिया पर लोगों ने बताया कि दवाएं अभी भी बिक रही हैं।
लॉरेन नाम की एक टेक ब्लॉगर ने एक्स पर लिखा कि स्पॉटिफाई पर अवैध दवाओं का कारोबार बहुत बढ़ गया है जैसे ओपिओइड्स, बेंज़ो और एम्फ़ैटेमिन्स और ये सब चल रहा है। यह बात बहुत चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि स्पॉटिफाई के सीईओ डैनियल को इस समस्या को तुरंत हल करना चाहिए क्योंकि उनकी मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को इस तरह के फर्जी पॉडकास्ट पहचानने में सक्षम होना चाहिए।
स्पॉटिफाई ने जवाब में कहा है कि वे लगातार अपनी सर्विस पर निगरानी रख रहे हैं और हानिकारक कंटेंट को हटाने का काम कर रहे हैं। यह पहला मौका नहीं जब स्पॉटिफाई को इस तरह की आलोचना झेलनी पड़ी है। पहले भी उन पर असली कलाकारों को पैसा न देकर नकली कलाकारों को बढ़ावा देने का आरोप लगा था। रिपोर्ट्स बताती हैं कि उनके पास एक गुप्त योजना है जिसके तहत वे सस्ते और आम संगीत को प्राथमिकता देते हैं। इसमें कई प्रोडक्शन कंपनियां और कर्मचारी जुड़े हैं जो कम लागत वाले म्यूजिक बनाते हैं और उन्हें प्लेलिस्ट में शामिल करते हैं। इस योजना को परफेक्ट फिट कंटेंट कहा जाता है जो 2010 में शुरू होकर 2017 तक सबसे ज्यादा फायदे वाली योजना बन गई थी।