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द बोधी ट्री स्कूल के कक्षा 3 से 8 तक के छात्र-छात्राओं ने बीते कल यानि 31 अगस्त को हाल स्यालीधार स्थित मानसखंड विज्ञान केंद्र का शैक्षिक भ्रमण किया। इसका उद्देश्य बच्चों को विज्ञान की जादुई दुनिया से रूबरू कराना और उनकी कल्पना तथा तर्कशक्ति को बढ़ावा देना था। विज्ञान केंद्र में बच्चों ने न केवल विभिन्न प्रकार के विज्ञान प्रयोगों को नजदीक से देखा बल्कि उन्हें समझने का भी प्रयास किया।
जलवायु परिवर्तन की हकीकत से रूबरू हुए बच्चें
इस शैक्षिक यात्रा के दौरान बच्चों को खास तौर पर जलवायु परिवर्तन पर आधारित प्रयोगों ने चौंका दिया। बच्चों ने देखा कि कैसे पृथ्वी का तापमान दिन-ब-दिन बढ़ रहा है, जिससे ग्लेशियर पिघल रहे हैं और समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है। बच्चों ने सीखा कि यह बदलाव कैसे हमारे मौसम को प्रभावित कर रहा है और क्यों इसे ग्लोबल वार्मिंग कहा जाता है। इन प्रयोगों ने बच्चों के मन में कई सवाल पैदा किए और उन्हें वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सोचने पर मजबूर किया।
तारामंडल के माध्यम से बच्चो ने की अंतरिक्ष की अनंत गहराइयों की सैर
इस यात्रा का एक और आकर्षण था तारामंडल, जहां बच्चों ने पृथ्वी की नजर से अंतरिक्ष की अनंत गहराइयों को देखा। तारामंडल में बच्चों को ब्रह्मांड के रहस्यों और उसकी विशालता के बारे में बताया गया। ग्रह, तारे, और अन्य खगोलीय पिंडों की जानकारी ने बच्चों को आश्चर्यचकित कर दिया। बच्चों ने ग्रहण, तारे और अंतरिक्ष से जुड़े अन्य पहलुओं को देखा और उनके बारे में विस्तार से जाना।
वैज्ञानिकों की टीम ने बच्चों का किया मार्गदर्शन
विज्ञान केंद्र में बच्चों का मार्गदर्शन करने के लिए प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. नवीन जोशी और उनकी टीम के तमन्ना, प्रदीप, मनीष, संजय, उमेश, पारस और शिवम पंत ने बच्चों को विभिन्न प्रयोगों के माध्यम से विज्ञान के सिद्धांतों को सरल और रोचक तरीके से समझाया। उन्होंने बच्चों को जलवायु परिवर्तन, खगोल विज्ञान और अन्य विज्ञान की शाखाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी, जिससे बच्चों की जिज्ञासा और भी बढ़ गई।
विद्यालय के प्रधानाचार्य सौरभ पांडे ने इस शैक्षिक यात्रा के दौरान बच्चों के उत्साह को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने मानसखण्ड विज्ञान केंद्र की टीम को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि इस प्रकार के शैक्षिक भ्रमण बच्चों की वैज्ञानिक सोच को विकसित करने में महत्वपूर्ण होते हैं। प्रधानाचार्य ने इस मौके पर बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि विज्ञान को समझने का सबसे अच्छा तरीका है, उसे नजदीक से देखना और अनुभव करना। इस अवसर पर विद्यालय के सभी शिक्षक और शिक्षिकाएं भी उपस्थित रहे।
विद्यालय के प्रधानाचार्य सौरभ पाण्डे ने कहा कि इस तरह के शैक्षिक भ्रमण बच्चों को कक्षा की दीवारों से बाहर निकालकर वास्तविक दुनिया से जुड़ने का अवसर देते हैं। उन्होंने कहा कि द बोधी ट्री स्कूल के इस प्रयास ने बच्चों को न केवल विज्ञान के प्रति जागरूक किया है बल्कि उनके अंदर जिज्ञासा और सीखने की भावना को और भी प्रबल किया। इस यात्रा ने बच्चों को जीवन में नई दिशा दी और उन्हें यह समझाया कि विज्ञान केवल एक विषय नहीं बल्कि जीवन का एक अहम हिस्सा है।