"घर से बाहर निकली मासूम, लेकिन कुत्तों के नुकीले दांतों ने उसे वापस लौटने नहीं दिया"
हरिद्वार में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे स्थानीय लोग भय और आक्रोश से भर गए हैं। हाल ही में ज्वालापुर के कस्साबान मोहल्ले में एक दर्दनाक घटना घटी, जिसने इस समस्या की गंभीरता को और बढ़ा दिया। रविवार, 23 मार्च को मोहल्ले की एक गली में एक मासूम बच्ची पर आवारा कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया। यह पूरी घटना इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि कुत्ते अचानक बच्ची पर झपट पड़ते हैं।
घटना उस समय हुई जब बच्ची अपने घर से बाहर निकली। घात लगाए बैठे कुत्तों ने उसे घेर लिया और हमला कर दिया। बच्ची की चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और काफी मशक्कत के बाद कुत्तों को वहां से भगाया। समय रहते लोगों ने हिम्मत दिखाते हुए बच्ची की जान बचा ली, वरना हादसा और भी भयावह हो सकता था। हालांकि, इस हमले में बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई और उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
इस घटना के बाद इलाके में डर और गुस्से का माहौल है। स्थानीय निवासियों ने नगर निगम और प्रशासन से मांग की है कि इस बढ़ती समस्या का जल्द से जल्द समाधान किया जाए। हरिद्वार नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त रविंद्र सिंह दयाल का कहना है कि आवारा कुत्तों को लेकर नियमित रूप से कार्रवाई की जाती है और इसके लिए विशेष टीमें भी बनाई गई हैं। उनका कहना है कि यदि यह घटना हुई है तो नगर निगम की टीम को मौके पर भेजकर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि हरिद्वार में एक एबीएस सेंटर स्थापित किया गया है, जहां कुत्तों के वैक्सीनेशन और अन्य आवश्यक प्रक्रियाएं की जाती हैं।
हरिद्वार की मेयर किरण जैसल ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि आवारा कुत्तों की समस्या पर तुरंत कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि नगर निगम समय-समय पर कैटल कैचिंग टीम की मदद से आवारा कुत्तों को पकड़वाने का कार्य करता है और इस मामले में भी उचित कदम उठाए जाएंगे।
यह पहली बार नहीं है जब हरिद्वार में आवारा कुत्तों का आतंक इस कदर बढ़ा हो। इससे पहले 2023 में अप्रैल से सितंबर के बीच करीब सात हजार लोग आवारा कुत्तों के हमलों का शिकार हो चुके हैं। अक्टूबर 2023 में भी सात सौ से अधिक लोगों को कुत्तों ने काटा था। उस समय स्थानीय लोगों ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इस समस्या की गंभीरता को उजागर किया था, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है।
हरिद्वार के निवासियों की मांग है कि नगर निगम इस समस्या को हल करने के लिए तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और लोग भयमुक्त जीवन व्यतीत कर सकें।