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हरिद्वार: भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर से संन्यासी बने पायलट बाबा का लंबी बीमारी के बाद मुंबई में निधन हो गया है।वह एक पायलट थे और बाद में सन्यासी बनने के पीछे एक रोचक कहानी है। बिहार के सासाराम जिले में जन्मे कपिल सिंह राजपूत ने काशी विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की थी।
एक विमान हादसे से बदली जिंदगी
पायलट बाबा की जिंदगी में एक बड़ा मोड़ 1996 में आया, जब वे एक मिग फाइटर प्लेन उड़ा रहे थे। पूर्वोत्तर भारत के आकाश में उड़ान के दौरान विमान में तकनीकी खराबी आ गई, और उनका विमान दुर्घटनाग्रस्त होने वाला था।कहते है कि तभी उन्हें अपने गुरु हरि बाबा की आवाज सुनाई दी, जो उन्हें मार्गदर्शन कर रहे थे। इसी आध्यात्मिक अनुभव के बाद उन्होंने सेना छोड़कर शांति और आध्यात्म का जीवन अपनाने का निर्णय लिया।
आध्यात्मिक जीवन की ओर कदम
सेना से संन्यास लेने के बाद पायलट बाबा ने जूना अखाड़े में शामिल होकर आध्यात्मिक मार्ग पर चलना शुरू किया। उन्होंने कई साधनाएं की, जिसमें जमीन के नीचे समाधि लेना भी शामिल था।