चंपावत: उत्तराखंड के चंपावत जिले में स्थित वाराही धाम देवीधुरा में रक्षाबंधन के पावन अवसर पर विश्व प्रसिद्ध बग्वाल मेले का आयोजन हुआ। इस बार खोलीखाड़ दुबाचौड़ मैदान में बग्वाल का आयोजन विशेष रूप से चर्चा में रहा क्योंकि बग्वाल दो बार खेली गई।इस ऐतिहासिक परंपरा में चार खामों और सात थोक के वीरों ने 11 मिनट तक नाशपाती, सेब और फूलों का प्रयोग कर बग्वाल खेली। इस खेल में लगभग 212 लोग घायल हुए, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत 50 हजार से अधिक दर्शक इस ऐतिहासिक बग्वाल के साक्षी बने। यह परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है, जिसमें पहले पत्थरों से बग्वाल खेली जाती थी। माना जाता है कि पहले इस मंदिर में नरबलि की प्रथा थी, लेकिन जब एक वृद्धा के पौत्र का जीवन बचाने के लिए चारों खामों की विभिन्न जातियों के लोगों ने आपस में युद्ध किया और मानव रक्त के बराबर खून बहाया, तभी से यह परंपरा नरबलि के स्थान पर बग्वाल खेलने के रूप में बदल गई।