फ्लाइट का सवार लोगों के लिए कई सारे अनुभव लेकर भी आता है लेकिन कभी-कभी यह काफी दहशत भरा भी हो जाता है। अगर आप 24000 फुट की ऊंचाई पर उड़ रहे हो और अचानक प्लान की छत उड़ जाए तो कैसा महसूस होगा? यह काल्पनिक कहानी नहीं बल्कि १९८८ के २८ अप्रैल को हुई एक वास्तविक घटना है।अलाहा एयरलाइंस की फ्लाइट २४३ हवाई के हिलो अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से होनोलुलू की ओर उड़ान भरने के बाद इस भयानक घटना का शिकार हुई। उड़ान भरने के थोड़ी देर बाद पायलट रॉबर्ट स्कॉर्नथाइमर ने एक बड़े विस्फोट की आवाज सुनी और विमान की स्थिति असामान्य रूप से बदलने लगी। अचानक विमान का एक बड़ा हिस्सा ऊपर से उड़ गया जिससे विमान के केबिन में दबाव कम हो गया और यात्री काफी डर गए।खतरनाक स्थिति में पायलट और क्रू मेंबर्स ने खुद को काफी शांत रखा। पायलट ने विमान को आपातकालीन लैंडिंग के लिए तैयार करना शुरू किया। क्रू मेंबर्स जल्दी से यात्रियों को ऑक्सीजन मास्क लगाने और सीट बेल्ट बांधने के लिए प्रेरित करने लगे। हालांकि प्लेन की छत उड़ गई थी लेकिन विमान की मुख्य संरचना मजबूत होने की वजह से वह टूटी नहीं थी।यात्रियों की सहायता और पायलट की दृढ़ता व समझदारी के कारण इस संकटपूर्ण स्थिति में कई लोगों की जान बचाई गई।यह घटना एक उदाहरण है कि संकट के समय सही निर्णय टीमवर्क के माध्यम से सभी खतरों का सामना किया जा सकता है। यह उड़ान सुरक्षा और विमानन प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण शिक्षाओं में से एक बन गई है। ऐसी स्थिति में पायलट और क्रू सदस्यों की साहस और कौशल उनके प्रशिक्षण का एक बेहतरीन उदाहरण है।