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उत्तरकाशी के आसमान में बुधवार रात एक तेज गर्जना ने सभी को अपहज किया। सभी कौतूहल के साथ आसमान की ओर टकटकी लगाए रहे। यह गर्जना वायुसेना के लड़ाकू विमानों की थी, जो सीमांत क्षेत्र में रात्रि अभ्यास के लिए पहुंचे।
गौरतलब हो, भारतीय वायुसेना की ओर से सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर 1 से 10 अप्रैल तक रात-दिन का अभ्यास किया जा रहा है। यहां वायुसेना की कम्युनिकेशन टीम भी हाजिर है, हालांकि, अभी वायुसेना के एमआई 17 व एएलएच हेलीकॉप्टर यहां अभ्यास के लिए नहीं पहुंचे।
हवाई अड्डे के रनवे का विस्तारीकरण न होने से चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर लड़ाकू विमानों की लैंडिंग अभी नहीं हो पाती है। इसलिए यहां आसमान में ही लड़ाकू विमान अभ्यास के लिए पहुंचते हैं।
राजस्थान से दस हजार कार्मिकों के साथ लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों से पश्चिमी व उत्तरी मोर्चे पर अभ्यास:
बता दे राजस्थान से दस हजार कार्मिकों के साथ, वायुसेना ने पश्चिमी और उत्तरी मोर्चों पर लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों से अभ्यास की शुरुआत की है। इसके तहत बुधवार रात को यहाँ विमानों ने रात्रि अभ्यास किया, जिससे उत्तरकाशी के आसमान में गर्जना की भारी गूंज हुई।
लड़ाकू विमानों की गर्जना सुनकर लोगों में उत्साह और उत्सुकता की भारी भागीदारी थी। कुछ लोग डरे हुए भी थे, लेकिन अधिकांश लोग उत्साहित थे। विमानों के अभ्यास से बच्चों में भी विशेष उत्साह देखने को मिला।