बांग्लादेश में एक बार फिर हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गया है। प्रदर्शनकारी इस बार राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन को हटाने की मांग कर रहे हैं। इस बीच प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार (22 अक्टूबर 2024) की देर रात को राष्ट्रपति भवन का घेराव किया। राजधानी ढाका में राष्ट्रपति के निवास बंगभवन के बाहर स्थिति ये हो गई कि सेना को मोर्चा संभालना पड़ा।जब प्रदर्शनकारियों ने बंगभवन के बाहर घेराव किया और राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग करते हुए नारे लगाने शुरू कर दिए तो सेना ने उन्हें बैरिकेड लगाकर रोक दिया। इससे पूर्व प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के बैरिकेड्स हटाने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा था। प्रदर्शन के लिए जमा हुए लोग जब उग्र हुए थे तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े।बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों और पुलिस में पहले बातचीत हुई, लेकिन बावजूद इसके भी कोई हल नहीं निकला। बांग्लादेशी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस के लाठीचार्ज में कई प्रदर्शनकारी घायल भी हुए हैं, जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के खिलाफ जिन छात्र संगठनों ने विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व था, उन्हीं में से एक ने अपदस्थ प्रधानमंत्री के इस्तीफे पर टिप्पणी करने के लिए राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन को हटाने की मांग की।पिछले सप्ताह एक बांग्ला दैनिक को दिए गए साक्षात्कार में शहाबुद्दीन ने कहा कि उनके पास इस बात का कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है कि अगस्त में छात्रों के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर हुए विरोध-प्रदर्शनों के बीच देश छोड़कर जाने से पहले हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद शेख हसीना को सत्ता से बेदखल करने के लिए अभियान चलाने वाले भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन ने यहां केंद्रीय शहीद मीनार के पास रैली निकाली और शहाबुद्दीन के इस्तीफे की मांग की।