This is the real Happy Diwali: Engineer Gaurav Sati brought the light of cooperation to schools अल्मोड़ा: रोशनी का पर्व कहलाने वाली दीवाली की सार्थकता के कई मायने है,उत्सव, बधाई, आतिशबाजी जैसी मौज मस्ती के बीच यदि सहयोग, मदद और परोपकार की रोशनी बिखेरी जाय तो अंधेरे को हारना ही होगा।रामनगर निवासी गौरव सती न्यूज़ीलैंड के ऑकलैंड शहर में इंजीनियर हैं।दीवाली पर उन्होंने रामनगर में शिक्षकों द्वारा संचालित ज्योतिबा,सावित्रीबाई फुले सांयकालीन स्कूलों के बच्चों के हितार्थ दस हजार रुपये की मदद भेजी है। सहयोग इसलिए मायने रखता है कि गौरव ने उन बच्चों को याद रखा जो सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर हैं और रामनगर के शिक्षकों के सहयोग से संचालित हो रहे हैं।शिक्षक नवेन्दु मठपाल ने गौरव को इस सहयोग के लिए शुक्रिया कहा है।उन्होंने कहा है कि ऐसी पहल रामनगर,नैनीताल क्षेत्र में संचालित तीनों सांयकालीन स्कूलों के सामाजिक,आर्थिक रूप से कमजोर ढाई सौ से अधिक बच्चों के जीवन में दीपावली के मौके पर ज्ञान का उजियारा ला सकती है।