अभी अभी
उत्तराखंड | नैनीतालहरिद्धारसोमेश्वररूद्रप्रयागरामनगरभतरोजखानबेरीनागबेतालघाटबागेश्वरपौड़ी गढ़वालपिथौरागढ़हरिद्वारहल्द्धानीदेहरादूनअल्मोड़ाताड़ीखेतचम्पावतऊधम सिंह नगरउत्तरकाशी
जॉब अलर्ट
देश | हिमांचल प्रदेश
दुनिया
Advertisement

महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनी उत्तराखंड की यह महिला, ई रिक्शा चलाकर बच्चों का करती है पालन पोषण, जानिए इनके बारे में

02:17 PM Oct 19, 2024 IST | editor1
Advertisement

हरिद्वार जिले के रुड़की नगर की नई बस्ती सुनहरा की रहने वाली एक साहसी महिला नारी सशक्तिकरण की मिसाल बन गई है। यह महिला अपने तीन बच्चों का पेट पालने के लिए शहर में ई-रिक्शा चला रही है।

Advertisement

Advertisement

दरअसल कोरोना महामारी के दौरान दिल का दौरा पड़ने से नीलम के पति का निधन हो गया था। जिसके बाद से वह अकेले ही अपने परिवार की जिम्मेदारी उठा रही है अपने बच्चों को पालने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।

Advertisement

Advertisement

नीलम ने बताया कि पति की मौत के बाद उसने लोगों के घरों में झाड़ू-पोछा करने और खाना बनाने का काम भी किया। लेकिन यह काम उसकी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं था। इस मुश्किल दौर में नीलम ने कई जनप्रतिनिधियों से आर्थिक मदद की गुहार भी लगाई। लेकिन आशा के अनुरूप कोई ठोस मदद नहीं मिल पा रही थी।

जिसके बाद मजबूरी में पाने बच्चों के लिए उसने नगर में एक खोखा रखकर चाय की दुकान भी खोली। लेकिन यह सहारा भी कुछ दिन ही चल सका। नीलम का कहना है कि कुछ लोगों ने उसकी शिकायत कर दी और उसकी चाय दुकान भी बंद हो गई

तमाम मुश्किलों के बाद भी नीलम ने हार नहीं मानी और ई रिक्शा चलाने लगी। अब वह 300 रुपये प्रति दिन के हिसाब से किराए पर ई-रिक्शा लेकर नगर की सड़कों पर निकलती हैं और अपने परिवार के लिए पैसे कमाती हैं। दिनभर की मेहनत के बाद वह 600 से 700 रुपये तक कमा लेती हैं। इसमें से 300 रुपये उसे ई-रिक्शा के किराए के रूप में देना पड़ते हैं। बचे हुए पैसों से वह अपने दो बेटों और एक बेटी का पालन-पोषण कर रही हैं।

दरअसल नीलम नाम की यह महिला अपने संघर्ष और मेहनत से समाज के सामने एक मिसाल पेश कर रही है। हालात चाहे कितने भी कठिन क्यों न हों, उसने हिम्मत नहीं हारी और अपने परिवार के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। अब वह चाहती है कि उसे किसी तरह की स्थायी मदद मिले, ताकि वह अपनी ई-रिक्शा खुद खरीद सके और अपने बच्चों का भविष्य संवार सके।

Advertisement
Advertisement
Next Article