अब फ्रॉड का एक और नया मामला सामने आया है। जिसमें आरबीआई के फर्जी लेटर हेड या ईमेल एड्रेस का इस्तेमाल ठगो के द्वारा ठगी करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। आज के समय में अधिकतर लोग फ्रॉड का शिकार हो जाते है ऐसा नही है कि उन्हे जानकारी नही होती लेकिन आज कल स्कैमर्स ऐसे-ऐसे हथकंडे अपनाते है जिनके बारे में आप अंदाजा भी नही लगा सकते है। फर्जीवाड़े को ही आज के समय में लोगों ने अपना प्रमुख धंधा बना दिया है।आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अब एक फ्रॉड का मामला सामने आ रहा है जिसके मुताबिक आरबीआई के फर्जी लेटर हेड या ईमेल एड्रेस का इस्तेमाल ठगो के द्वारा ठगी करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। वह खुद को केंद्रीय बैंक कर्मचारी बताते हैं। डिजिटल युग में साइबर क्रिमिनल पैसे ठगने के लिए नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। इसी में से एक है, रिजर्व बैंक के नाम पर फोन करना।जिसमें अकाउंट बंद करने या वित्तीय गड़बड़ी जैसे आरोप लगाकर ओटीपी जैसी कई संवेदनशील जानकारियां मांगी जाती हैं। लेकिन, अब केंद्रीय बैंक ने अपनी पर्सनल डिटेल्स को किसी के साथ साझा करने से साफ मना किया है। उसने साइबर क्रिमिनल्स के ठगी करने के तरीकों को भी बताया है। बैंक के नाम पर ही ठगी शुरू हो गई है।वर्तमान समय में हर किसी को अधिक से अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। ठगी के कई ऐसे ऐसे तरीके आ गए है कि आपको कब लूट लिया जाए आपको खुद पता ही नही चलेगा। साइबर ठग आरबीआई के फर्जी लेटर हेड या ईमेल एड्रेस का इस्तेमाल करते हैं। खुद को केंद्रीय बैंक कर्मचारी बताते हैं। यूजर को अमूमन भारी भरकम लॉटरी जीतने या सरकारी योजनाओं का लाभार्थी बनने जैसे लालच देकर फंसाते हैं और फिर उनका खाता साफ कर देते हैं।भारत के केंद्रीय बैंक के अनुसार, कई बार जालसाज खुद को सरकार या फिर केंद्रीय बैंक का अधिकारी बनकर संपर्क करते हैं। उनसे सरकारी कॉन्ट्रैक्ट या योजना की आड़ में 'सिक्योरिटी डिपॉजिट' करने को कहते हैं।आपको बता दें कि एक फर्जी लिंक पर क्लिक करते ही आपकी सारी पर्सनल जानकारी ठगो तक पहुंच जाती है। ऐसे में आप कब ठगी के शिकार ना हो जाए इसका अंदाजा आप भी नहीं लगा सकते हैं। ठग कई बार डरा-धमकाकर भी ठगने की कोशिश करते हैं। इसमें पीड़ितों से कॉल, SMS या मेल के जरिए संपर्क (fraud through sms or call) किया जाता है।उनके अकाउंट को फ्रीज या ब्लॉक करने की धमकी दी जाती है। उन्हें कुछ फर्जी किस्म के लिंक से ऐप भी डाउनलोड करने के लिए बहकाया या मजबूर किया जाता है। इसके जरिए यूजर्स की कई निजी जानकारियां उन ठगों के हाथ लग जाती है। इन सब फ्रॉड को लेकर सर्तक करते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बताया है कि यूजर्स को अपनी कोई भी निजी जानकारी दूसरों के साथ साझा नहीं करनी चाहिए। किसी भी बैंक या बैंक कर्मचारी को यूजर्स से फोन या ईमेल के जरिए ओटीपी या कोई अन्य जानकारी मांगने की इजाजत नहीं है। अगर कोई शख्स फोन खुद को सरकारी अधिकारी या बैंक कर्मचारी बताकर ऐसी जानकारी मांगता है, तो तत्काल इसकी शिकायत पुलिस को करनी चाहिए।