कुछ तारीख बेहद खास होती हैं, जैसे आज 18 नवंबर की। आज सरोवर नगरी नैनीताल का 183 वा जन्मदिन है।पर्यटन नगरी नैनीताल आज 183वां जन्मदिन मना रहा है।बता दें कि 18 नवंबर 1841 को अंग्रेज व्यापारी पी बैरन यहां पहुंचे और नैनीताल के सौंदर्य से प्रभावित होकर इसे दुनिया की नजरों में लाए। अंग्रेज व्यापारी के आने की तारीख को ही नैनीताल के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है 18 नवंबर को ही पी बैरन नैनीताल आए थे।1842 में चौथे कुमाऊं कमिश्नर जार्ज धामस लुसिंगटन ने आधिकारिक रूप से नैनीताल को यूरोपियन सेटेलमेंट के तहत बसाया था। नैनीताल अपनी खूबसूरत वादियों और झीलों के लिए देश विदेशों में भी मशहूर है।पर्यटन नगरी नैनीताल प्राकृतिक सौंदर्य के साथ ही सांप्रदायिक सौहार्द्र का संदेश देती है। 51 शक्तिपीठों में से एक मां नयना देवी मंदिर, गुरुद्वारा, एशिया का पहला मेथोडिस्ट चर्च और जामा मस्जिद मात्र सौ मीटर दायरे में होना इसकी विशेषता है।नैनीताल में घूमने की कई जगहें हैं, जिनमें से कुछ ये हैं:नैनी झील : चारों तरफ़ से ऊंचे पहाड़ों से घिरी यह झील, नैनीताल का मुख्य आकर्षण है। यहां बोटिंग का भी आनंद लिया जा सकता है।नैना देवी मंदिर: यह मंदिर 15वीं शताब्दी में बना था और नैनी झील के किनारे एक ऊंची पहाड़ी पर बना है। यहां से पहाड़ों का खूबसूरत नज़ारा देखा जा सकता है।स्नो व्यू प्वाइंट: माउंटेन लवर ज़रूर यहां जाएं। ज़्यादातर समय यहां बर्फ़बारी होती है और यहां से बर्फ़ से ढकी पहाड़ियों और हिमालय की खूबसूरती को देखा जा सकता है।इको केव गार्डन : यह छह छोटी गुफाओं वाली जगह है, जो देखने में बहुत खूबसूरत हैं।हनुमान गढ़ी : यह नैनीताल के प्रमुख पर्वतीय पर्यटन स्थलों में से एक है। यहां से पर्वतीय क्षेत्र का आनंद लेने का एक अच्छा मौका मिलता है।सरिता ताल: यह झील नैनीताल शहर से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां बोटिंग का विकल्प उपलब्ध है।इसके अलावा नैनीताल में 24 से ज़्यादा पर्यटन स्थल, आकर्षण, गतिविधियाँ और देखने लायक जगहें हैं। पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय गंतव्य होने के कारण, नैनीताल और उसके आस-पास कई दिलचस्प जगहें हैं जहाँ परिवार और दोस्तों के साथ जाया जा सकता है।