Told the cattle farmers, how to do animal nutrition and improved fodder management? अल्मोड़ा: हवालबाग विकास खंड सभागार में दुग्ध उत्पादकों को उन्नत हरा चारा उत्पादन , पशु पोषण प्रवंधन का एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर पशु पोषण प्रभारी उत्तराखंड सहकारी डेरी फैडरेशन एचएस कुटौला ने वर्ष भर हरे चारे के उत्पादन एवं हरे चारे के सरंक्षण की जानकारी देते हुए कहा कि भारत में हरे एवं सूखे चारे की बहुत कमी है जिससे बिश्व में सबसे अधिक पशु संख्या के होते हुए भी हमारा औसत दुग्ध उत्पादन बहुत कम है। तथा हम आम जनता को उतना दूध उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं जितना मानव शरीर के विकास के लिए आवश्यक है। पशुओं की अधिक संख्या को देखते हुए पशुओं की संख्या बढ़ाने से प्रदूषण सहित अनेक समस्याएं पैदा हो सकती हैं इसलिए पशु पोषण को व्यवस्थित कर ही दुग्ध उत्पादन बढ़ाना एक मात्र विकल्प है। उन्होंने हरा चारा वर्षभर संरक्षित करने के लिए साइलेज तथा 'हे' बनाने की जानकारी दी , उन्होंने पशुओं को दिन में केवल दो बार हरा एवं सूखा चारा मिलाकर दिये जाने की सलाह दी, दुधारू पशुओं की बढ़ती कीमतों को देखते हुए बछिया एवं उनके खान पान की उचित व्यवस्था कर पशु धन एवं दुग्ध उत्पादन बढ़ाने की सलाह भी उनके द्वारा दी गयी । इस अवसर पर प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र भी दिये गये कार्यक्रम में दुग्ध संघ अल्मोड़ा के प्रबंध कमेटी सदस्य ब्रह्मा नन्द डालाकोटी, प्रधान प्रबंधक गंगा शरण राणा, वरिष्ठ दुग्ध निरीक्षक हरीश उपाध्याय डेरी फेडरेशन,सहायक क्षेत्र पर्यवेक्षक शोभा डालाकोटी,राधा आर्या, महिला डेरी प्रसार कार्यकर्ता किरन पांडे, विपणन पर्यवेक्षक बलवन्त सिंह, मोहन सिंह,भूपाल सिंह, हरेंद्र सिंह नवीन चन्द्र डालाकोटी, प्रकाश जोशी ,किरन तड़ाके ,नीलम बोरा,तारा अधिकारी, हिमानी अधिकारी,प्रेमा भंडारी ,महेंद्र सिंह,बिक्रम सिंह, कैलाश सिंह सहित 70 दुग्ध उत्पादकों ने भाग लिया।