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अनोखा मंदिर जहां भगवान को लिखी जाती हैं चिट्ठियां

08:45 PM Jan 07, 2025 IST | Newsdesk Uttranews
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उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित चितई मंदिर अपनी अनूठी परंपराओं और भव्य वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि स्थानीय लोगों की आस्था और संस्कृति का भी प्रतीक है।

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गोल्ज्यू देवता: न्याय के देवता

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चितई मंदिर में मुख्य रूप से गोल्ज्यू देवता की पूजा की जाती है। कुमाऊं क्षेत्र में गोल्ज्यू देवता को न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि वे लोगों की समस्याओं का समाधान करते हैं और न्याय दिलाते हैं।

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चिट्ठियों की अनोखी परंपरा

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इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां भक्त अपनी समस्याएं और मनोकामनाएं लिखकर देवता को समर्पित करते हैं। वे सफेद कागज पर अपनी अर्जी लिखते हैं और मंदिर में लगी हुई दीवार पर चिपका देते हैं। मान्यता है कि गोल्ज्यू देवता इन अर्जियों को सुनते हैं और भक्तों की मदद करते हैं।

हजारों घंटियों का संग्रह

मंदिर परिसर में हजारों घंटियां लटकी हुई हैं। ये घंटियां उन भक्तों द्वारा चढ़ाई जाती हैं जिनकी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इन घंटियों की खनखनाहट मंदिर के वातावरण को और अधिक पवित्र बनाती है।

कैसे पहुंचे

चितई मंदिर अल्मोड़ा से लगभग 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पहुंचने के लिए आप काठगोदाम रेलवे स्टेशन या पंतनगर हवाई अड्डे का उपयोग कर सकते हैं।

यात्रा का सबसे अच्छा समय

अल्मोड़ा की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून और सितंबर से नवंबर के बीच होता है। इस दौरान यहां का मौसम सुहावना रहता है।

चितई मंदिर की यात्रा क्यों करें?

इन बातों का रखे ध्यान

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