Uttarakhand News: प्रदेश में आउटसोर्स और संविदा नियुक्तियों पर रोक
देहरादून:: उत्तराखंड के समस्त सरकारी महकमों में आउटसोर्स, संविदा, दैनिक वेतन, कार्यप्रभारित, नियत वेतन, अंशकालिक और तदर्थ रूप से कर्मचारियों की भर्ती पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।
इसके बाद विभागों में संविदा और आउटसोर्स के रूप में भर्ती की उम्मीद लगाए अभ्यर्थियों को मायूसी हाथ लग सकती है। यहीं नहीं जो अधिकारी आउटसोर्स भर्तियां करेगा, व्यक्तिगत जिम्मेदारी मानते हुए उसके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
बीते रोज शुक्रवार को मुख्य सचिव आनंदबर्द्धन ने सभी प्रमुख सचिव, सचिव, विभागाध्यक्ष और जिलाधिकारियों को यह आदेश जारी किए। अब निर्णय लिया है कि भविष्य में रिक्त पद भर्ती एजेंसियों के मार्फत नियमित रूप से भरे जाएंगे।
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की ओर से सभी प्रमुख सचिव, सचिव, मंडलायुक्त, जिलाधिकारियों को रोक संबंधी आदेश जारी किया गया।प्रदेश सरकार ने सभी विभागों में संविदा, आउटसोर्स, दैनिक वेतन, अंशकालिक, नियत वेतन व तदर्थ भर्तियों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए गए हैं कि वे रिक्त नियमित पदों पर भर्ती के लिए चयन आयोगों को अधियाचन भेजें।
सरकार का मानना है कि नियुक्त किए गए कर्मी स्टे आर्डर ले आए जिस कारण नियमित कार्मिकों की तैनाती करने में परेशानी हो रही है।यही नहीं न्यायालयों की अवमानना की स्थिति पैदा हो रही है, जिससे असमंजस की स्थिति है। इसके अलावा आउटसोर्स, संविदा कर्मचारी नियमितिकरण की मांग को लेकर न्यायालयों में वाद दायर कर रहे हैं। इससे भी जटिल स्थिति पैदा हो रही है।
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की ओर से सभी प्रमुख सचिव, सचिव, मंडलायुक्त, जिलाधिकारियों को रोक संबंधी आदेश जारी किया गया। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद चतुर्थ श्रेणी के पदों को समाप्त किया गया था, जिसकी जरूरत पूरी करने के लिए आउटसोर्स के माध्यम से कर्मचारी तैनात किए जाते रहे हैं।
यह भी कहा कि विभागों में नियमित भर्तियों में होने वाले विलंब के चलते भी आउटसोर्स-संविदा भर्तियों को बढ़ावा मिला।
कहा कि 27 अप्रैल 2018 और 29 अक्तूबर 2021 को शासनादेश जारी करते हुए शासकीय कार्य के सरलीकरण, मितव्ययता लाने का मकसद था ।लेकिन अब पैदा हुई स्थितियों के चलते तय किया गया है कि पूर्व के शासनादेश अब संशोधित समझे जाएंगे। किसी भी विभाग में नियमित रिक्त पदों के सापेक्ष संविदा, आउटसोर्स या अन्य इस तरह की कोई भर्ती पूर्णरूप से प्रतिबंधित रहेगी। रिक्त नियमित पदों पर नई भर्तियों के लिए संबंधित चयन आयोग को अधियाचन भेजने होंगे। अगर किसी अधिकारी ने संविदा-आउटसोर्स भर्तियां कीं तो इसे उसकी व्यक्तिगत जिम्मेदारी मानते हुए अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।