Uttarakhand News: देहरादून में उपभोक्ताओं को 12 नहीं साल में 13 माह का मिला बिजली का बिल, शिकायत से मचा हड़कंप
देहरादून में ऊर्जा निगम की ओर से एक वर्ष में उपभोक्ताओं को 13 महीने का बिल थमाने का आरोप लगाया जा रहा है। उपभोक्ताओं ने 27 से 28 दिन के भीतर मासिक बिल दिए जाने की बात कही और जमानत राशि के लिए जाने पर भी सवाल उठाए।
इस संबंध में प्रेम नगर के उपभोक्ताओं ने उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग को शिकायत भी दी है। प्रेमनगर क्षेत्र की सामाजिक कार्यकर्ता गीता बिष्ट ने क्षेत्र के उपभोक्ताओं की ओर से उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग को शिकायत पत्र भेजा
जिसमें उन्होंने कहा कि जब से उपभोक्ताओं को प्रति माह बिजली के बल उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए हैं। तब से उपभोक्ताओं को हर वर्ष 13 से 14 महीने के बिजली के बिल भेजे जा रहे हैं।
कुछ उपभोक्ताओं को ज्यादा बिल उपलब्ध कराने पर फिक्स चार्ज ज्यादा वसूलने की आशंका थी, जिसका समाधान ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने कर दिया है। वर्तमान में उपभोक्ताओं से दिन के हिसाब से फिक्स चार्ज वसूल किया जा रहा है लेकिन उपभोक्ताओं को एक वर्ष में 13 से 14 महीने के बिजली का बिल भेजने पर अनुबंध कंपनी को हर रीडिंग पर भुगतान किया जा रहा है, जिससे ऊर्जा निगम को साल में 12 के स्थान पर 13 से 14 महीने का भुगतान करना पड़ रहा है, जबकि ऊर्जा निगम अपने घाटे का भार उपभोक्ताओं के बिजली के बिल में वृद्धि कर के वसूल करता है।
इसके अलावा आरोप है कि स्मार्ट मीटर की योजना को ऊर्जा निगम धरातल पर उतार रहा है और अब अतिरिक्त जमानत राशि नहीं ली जानी चाहिए, लेकिन उपभोक्ताओं ने ऊर्जा निगम पर अब भी जमानत राशि लेने का आरोप लगाया है। यह राशि बिल में अलग से भी नहीं दर्शायी जा रही है। इस मामले में आयोग से उचित कार्रवाई की मांग की गई है।