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सराहनीय: निराश्रितों बच्चियों को उत्तरायण फाउण्डेशन ने बनाया आत्मनिर्भर, बच्चियों ने पढ़ाई पूरी कर हासिल की नौकरी

02:09 PM Oct 26, 2024 IST | editor1
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Commendable: Uttarayan Foundation made destitute girls self-reliant, now the girls have got jobs.

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अल्मोड़ा:: उत्तरायण फाउण्डेशन के अच्छे प्रयास समाज को हमेशा प्रेरणा देते रहे हैं।

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फाउण्डेशन का ऐसा ही एक प्रयास रंग लाया है। जब कोविड संकट काल में गोद ली गई उत्तराखण्ड की निराश्रित बच्चों को डॉ. ओपी यादव के व्यक्तिगत पहल से उच्च शिक्षा और पिता तुल्य पालन देकर दीपावली पर उन्हें नेशनल हार्ट इंस्टिट्यूट में नौकरी का तोहफा भी दिया है।

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ज्ञात हो कि कोविड संकट काल 2021 में फाउण्डेशन ने निराश्रित बच्चों को ‘नई-उमंग’ के तहत चयनित किया था। 2021 में अल्मोड़ा बालिका निकेतन की 9 बालिकाएं अमन संस्था और तत्कालीन जिलाधिकारी वंदना सिंह के निर्देशन में एनएचआई गई।


इसी काल में प्रदेश सरकार द्वारा भी वात्सल्य योजना शुरू की। निकेतन की बालिकाओं का जहां अपना भविष्य से कोई आस नहीं थी वही ये मौका उनके लिए किसी सपने से कम नहीं था। उत्तरायण फाउण्डेशन ने इसे चुनौती के रूप में लिया।


वरिष्ठ हृदय रोग चिकित्सक और फाउण्डेशन प्रमुख डॉ ओपी यादव के व्यक्तिगत पहल से इन बच्चों को उनकी अभिरूचि अनुरूप चिकित्सा, उच्च शिक्षा, एनिमेशन आदि पाठयक्रमों में बडे संस्थानों में प्रवेश कराया। उनके रहने, खाने और अन्य सुविधाओं के साथ व्यक्तित्व विकास खासकर अंग्रेजी हेतु विशेष प्रशिक्षक भी रखे। इस दौरान देश दुनिया की बड़ी हस्तियों को भी बच्चों से रूबरू कराया।


हालांकि उत्तराखण्ड के कोई भी सांसद इन बच्चियों ने कभी मिलंने नहीं गए। यह स्थिति जरूर सालती है।


इधर वर्ष 2021, 2023 व 2024 सहित तीन बैचों में वर्तमान में वहां 24 बालिकाएं उच्च शिक्षा अर्जित कर रही है। पहले बैच से बबीता आर्या, बबीता मेहता और सुनीता मेहता द्वारा एएनएम कोर्स पूरा करने पर नेशनल हार्ट इस्ट्टियूट ने उन्हें पहले नौकरी का ऑफर लैटर सौंपा है।


हालांकि कोर्स पूरा होने पर इन बालिकाओं को कैंपस इंटरव्यू में भी रोजगार का अवसर मिला है। लेकिन इन बालिकाओं ने स्वयं एनएचआई को अपना घर बताया और यहीं सेवा का प्रस्ताव दिया। प्रारंभ में प्रशिक्षण काल में इन बलिकाओं को नेशनल हार्ट इस्ट्टियूट में 15 हजार मासिक वेतन में पहली नौकरी मिली है इसके साथ ही आवास और स्वास्थ्य सुविधाएं भी उन्हें नियमित मिलती रहेगी।
फाण्डेशन के सचिव महिपाल पिलख्वाल ने बताया कि इन बच्चों ने अपने पहाड़ आकर सेवा की भी इच्छा जताई है। साथ ही उन्होंने उत्तराखंड सरकार से आग्रह किया है कि पहाड़ के इन निराश्रित बच्चों को सरकार रोजगार दे ताकि ये भी समाज में अपना योगदान सुनिश्चित कर अपने पैरों पर मजबूती से खड़े हो सके। उन्होंने कहा की अल्मोड़ा जिला प्रशासन के सहयोग और एनएचआई की पहल से संस्था इन बच्चियों के भविष्य को लेकर काम कर पाई। बाकी 21 बालिकाओं की शिक्षा व रोजगार को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे है।
फाण्डेशन की इस उपलब्धि पर अमन संस्था से रघु तिवारी, नीलिमा भटट, पुष्कर सिंह, कल्याण मनकोटी, रमेश दानू, प्रमोद जोशी सहित प्रदेश के अनेक सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सराहना की है।

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