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बांस से बनाया सिरका और फर्टिलाइजर पाउडर, खेत के पास नहीं आते जानवर

12:41 PM Nov 21, 2024 IST | editor1
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प्रकृति हमारे जीवन का हिस्सा है। यह इंसान और जानवर दोनों के लिए कुछ ना कुछ लेकर जरूर आती है। इसमें कई सारे जीवनयापन की चीजे होती हैं ऐसे ही एक किसान ने बांस से सिरका और उर्वरक पाउडर बनाया है जो खेती के लिए बेहद फायदेमंद है।

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बांस से बना सिरका और उर्वरक

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वडोदरा के किसान रोहितभाई सोमाभाई पटेल ने बांस से सिरका और एक उर्वरक जैसा पाउडर (Fertilizer-like powder) बनाया है, इस पाउडर का इस्तेमाल पौधे के लिए काफी फायदेमंद है। ये सिरका विभिन्न प्रकार के कीड़ों को दूर करने में मदद करता है। यह जंगली जानवरों को भी दूर रखता है और कीड़ों से भी छुटकारा मिलता है।

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बांस सिरके का उपयोग

रोहितभाई पटेल ने बताया कि यह सिरका पायरोलिसिस प्रक्रिया (Pyrolysis Process) से बनाया जाता है. यह सिरका एक तरल रूप (Vinegar is a liquid form) में होता है जो इनडोर और आउटडोर दोनों प्रकार के पौधों के लिए फायदेमंद है। सिरके को स्प्रे करने से कट जैसे मीलियाबग, व्हाइट फ्लाई आदि से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा, यह पौधों की इम्यूनिटी को बढ़ाता है और उन्हें मजबूत बनाता है।

कीड़ों को भगाने में मददगार

ये केवल कीड़ों को ही नहीं मारता बल्कि उन्हें भगाता भी है। बाजार में मिलने वाली दवाइयों के मुकाबले यह पौधो को कोई बुरा असर नहीं डालता है और इससे पौधों का इम्यून सिस्टम भी बढ़ाता है। इस सिरके को पौधे की जड़ों पर डालने से मृदा भी लाभान्वित होती है और मृदा जनित रोगों से राहत मिलती है।

जंगली जानवरों से बचाव

बांस के इस सिरके की एक खास बात यह है कि जंगली जानवर जैसे भालू, नील गाय आदि भी इसके पास नहीं आते हैं। इससे किसानों को जंगली जानवरों के कारण होने वाली फसलों की हानि से बचाव मिलता है।

बीज अंकुरण और खाद में भी उपयोगी

ये सिरका पानी में मिलाकर पौधों में अगर स्प्रे किया जाए तो बीजों में अंकुरण पैदा होता है। इसके अलावा इसका इस्तेमाल खाद बनाने में भी किया जाता है, जिससे सड़ी-गली सामग्री से जैविक उर्वरक तैयार होता है।

किसानों के लिए लाभकारी उपाय

इस सिरके और उर्वरक पाउडर का सही उपयोग किसानों के लिए एक किफायती और प्रभावी उपाय हो सकता है। इससे न केवल कीटों का नाश होता है, बल्कि मृदा की गुणवत्ता भी बनी रहती है, और फसल की उपज में सुधार होता है। बता दें कि यह एक बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे किसानों ने पारंपरिक संसाधनों का उपयोग करके नई तकनीकों से अपनी खेती कोऔर भी सफल बना कर बंपर कमाई कर सकते हैं।

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