भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट ने गुरुवार, 8 अगस्त को कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया। उन्होंने अपनी निराशा जाहिर करते हुए कहा कि उनका देश का सपना और उनकी हिम्मत टूट चुकी है। विनेश पेरिस ओलंपिक के फाइनल मुकाबले में खेलने वाली थीं, लेकिन वजन ज्यादा होने के कारण उन्हें ओलंपिक से डिस्क्वालिफाई कर दिया गया। यह उनके लिए एक बड़ा झटका था और उसी के बाद से वह काफी परेशान थी।सोशल मीडिया पर भावुक संदेशविनेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक भावुक संदेश लिखा, "माँ कुश्ती मेरे से जीत गई मैं हार गई माफ करना आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। अलविदा कुश्ती 2001-2024। आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी माफी।" उनका यह संदेश उनके प्रशंसकों और समर्थकों के लिए एक बड़ा झटका है।https://twitter.com/Phogat_Vinesh/status/1821332432701779982बजरंग पूनिया की प्रतिक्रियापहलवान बजरंग पूनिया ने विनेश की हौसलाअफजाई करते हुए कहा, "विनेश, आप हारी नहीं हैं, बल्कि हराई गई हैं। हमारे लिए सदैव आप विजेता ही रहेंगी। आप भारत की बेटी के साथ-साथ भारत का अभिमान भी हो।"फाइनल में पहुंचकर रचा था इतिहास29 वर्षीय महिला पहलवान ने इतिहास रच दिया था जब उन्होंने सेमीफाइनल मुकाबले में क्यूबा की पहलवान गुजमान लोपेज को 5-0 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया। वह ओलंपिक खेलों में ऐसा करने वाली देश की पहली महिला पहलवान बनीं थीं। इस तरह उन्होंने कुश्ती की 50 किलोग्राम वर्ग की प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल भी पक्का कर लिया था। पूरा देश इस बात को लेकर आश्वस्त था कि कम से कम एक मेडल पक्का हो चुका है।शरीर में पानी की कमी से हुई अस्पताल में भर्ती विनेश ने मंगलवार, 6 अगस्त को तीन कठिन मुकाबलों में हिस्सा लिया, जिसके कारण उनके शरीर में पानी की कमी हो गई। इसके बाद भी उन्होंने सिर्फ थोड़ा सा ही पानी पिया, अपने बाल भी कटवाए और एक्सरसाइज की, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनका वजन निर्धारित सीमा से ज्यादा नहीं हो। हालांकि, बुधवार को मिली निराशा ने उन्हें तोड़कर रख दिया। इसके बाद शरीर में पानी की कमी होने के कारण विनेश को खेलगांव में पोली क्लीनिक ले जाया गया।क्या कहता है यूडब्ल्यूडब्ल्यू का नियम?विनेश फोगाट के ओलंपिक से डिस्क्वालिफाई होने के बाद यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) के नियमों की भी चर्चा होने लगी। नियमों के मुताबिक, पहलवान को वजन कराने की अवधि में कई बार अपना वजन कराने का अधिकार दिया जाता है। अगर कोई खिलाड़ी पहली और दूसरी बार वजन कराने के वक्त मौजूद नहीं होता है या डिस्क्वालिफाई होता है तो उसे कॉम्पिटिशन से बाहर कर दिया जाता है। इस तरह वह आखिरी स्थान पर रहता है और उसे कोई रैंक नहीं मिलती है।