दिसंबर भले लग गया हो, लेकिन दिल्ली की कंपकंपाती ठंड के लिए और इंतजार करना होगा। शुष्क अक्टूबर-नवंबर के बाद अभी दिसंबर का पहला सप्ताह भी ऐसा ही बीतेगा।महीने के दूसरे सप्ताह यानी आठ नौ तारीख के आसपास पहाड़ों पर अच्छी बरसात और बर्फबारी होगी।जिसके बाद ही तापमान गिरेगा। मजबूत पश्चिमी विक्षोभ के असर से पहाड़ों पर होने वाली इस बर्फबारी का असर उत्तर भारत पर भी साफ दिखाई देगा। दिल्ली-एनसीआर ही नहीं, हरियाणा, पंजाब, उत्तरी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी ठंडक बढ़ेगी।गौरतलब है कि पहले अक्टूबर और फिर नवंबर का माह पूरी तरह शुष्क बीत गया, एक भी दिन बरसात नहीं हुई। पहाड़ों पर थोड़ी बहुत बर्फबारी ही हुई। कोई मजबूत पश्चिमी विक्षोभ नहीं आया, लेकिन दिसंबर के दूसरे सप्ताह में पहाड़ों पर एक मजबूत पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के आसार हैं।जिसके तहत अगले रविवार व सोमवार को जम्मू कश्मीर में ऊंचे पहाड़ों पर न केवल अच्छी वर्षा बल्कि ठीकठाक बर्फबारी भी होगी।मौसम विज्ञानियों ने बताया कि, यूं कहने को नवंबर में भी कई पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुए, लेकिन उनका प्रभाव न के बराबर रहा। न पहाड़ों पर खास बर्फबारी हुई और न ही मैदानी इलाकों में बरसात देखने को मिली।इस दृष्टि से आठ-नौ तारीख के आसपास जम्मू-कश्मीर की ओर जो एक मजबूत पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने वाला है, उसके असर से उत्तर पश्चिमी हवाओं के साथ आने वाली ठंडक दिल्ली एनसीआर सहित उत्तर भारत के मैदानी इलाकों को भी ठिठुराएगी।महेश पलावत, उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन), स्काईमेट वेदर ने बताया कि कंपकंपाती सर्दी के आने में हो रही देरी के लिए मजबूत पश्चिमी विक्षोभों का अभाव तो बड़ा कारण है ही, जलवायु परिवर्तन का असर भी लगातार बढ़ रहा है। पिछले साल भी कड़ाके वाली ठंड की दस्तक देर से ही हुई थी। अबकी बार भी ऐसे हालात हैं। -