किसका तोड़ा जाएगा घर किसका नहीं? बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने बनाई गाइडलाइन, देखिए
देशभर में चल रहे बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने गाइडलाइन तय कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों से दो टूक शब्दों में कह दिया है कि मनमानी तरीके से बुलडोजर चलाने वाली सरकारें कानून को हाथ में लेने की दोषी हैं।
मनमाने तरीके से बुलडोजर चलाने वाले अधिकारियों को भी सुप्रीम कोर्ट ने रेड कार्ड दिखा दिया है और कहा कि किसी भी सरकारी अधिकारी को मनमाने तरीके से बुलडोजर चलने पर छोड़ा नहीं जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि राइट टू शेल्टर मौलिक अधिकार है। सरकारें जज नहीं बन सकती हैं, जो किसी आरोपी के घर पर बुलडोजर चलाने का फैसला दे दें। कोर्ट ने कहा कि घर केवल एक संपति नहीं है, वो लोगों की उम्मीद है। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 142 के तहत निर्देश जारी करते हुए बुलडोजर एक्शन को लेकर गाइडलाइन बना दी है।
1- यदि ध्वस्तीकरण का आदेश पारित किया जाता है, तो इस आदेश के खिलाफ अपील करने के लिए समय दिया जाना चाहिए।
2- बिना अपील के रातभर ध्वस्तीकरण के बाद महिलाओं और बच्चों को सड़कों पर देखना सुखद दृश्य नहीं है।
3-बिना कारण बताओ नोटिस के ध्वस्तीकरण नहीं।
4-मालिक को पंजीकृत डाक के जरिए नोटिस भेजा जाएगा और संरचना के बाहर चिपकाया जाएगा।
5 -नोटिस से 15 दिनों का समय नोटिस तामील होने के बाद का होगा।
6 -तामील होने के बाद कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट की ओर से सूचना भेजी जाएगी।
7 -कलेक्टर और डीएम नगरपालिका भवनों के ध्वस्तीकरण के लिए प्रभारी नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे।
8 -नोटिस में उल्लंघन की प्रकृति, व्यक्तिगत सुनवाई की तिथि और किसके समक्ष सुनवाई तय की गई है, निर्दिष्ट डिजिटल पोर्टल उपलब्ध कराया जाएगा, जहां नोटिस और उसमें पारित आदेश का विवरण उपलब्ध होगा।
9 -प्राधिकरण व्यक्तिगत सुनवाई करेगा और रिकॉर्ड किया जाएगा। उसके बाद अंतिम आदेश पारित किया जाएगा। इसमें ये उत्तर दिया जाना चाहिए कि क्या अवैध निर्माण समझौता योग्य है, और यदि सिर्फ एक भाग समझौता योग्य नहीं पाया जाता है और ये पता लगाना है कि विध्वंस का उद्देश्य क्या है?
10 -आदेश डिजिटल पोर्टल पर प्रदर्शित किया जाएगा।
11 -आदेश के 15 दिनों के भीतर मालिक को अनधिकृत संरचना को ध्वस्त करने या हटाने का अवसर दिया जाएगा और केवल तभी जब अपीलीय निकाय ने आदेश पर रोक नहीं लगाई है, तो
12 -विध्वंस स्टेप वाइज होंगे। विध्वंस की कार्रवाई की वीडियोग्राफी की जाएगी। वीडियो को संरक्षित किया जाना चाहिए। उक्त विध्वंस रिपोर्ट नगर आयुक्त को भेजी जानी चाहिए।
13 -सभी निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए और इन निर्देशों का पालन न करने पर अवमानना और अभियोजन की कार्रवाई की जाएगी और अधिकारियों को मुआवजे के साथ ध्वस्त संपत्ति को अपनी लागत पर वापस करने के लिए उत्तरदायी ठहराया जाएगा।
14- इस मामले का सभी मुख्य सचिवों को निर्देश दिए जाने चाहिए।
15 -ये निर्देश उन जगहों पर लागू नहीं होंगे, जहां सार्वजनिक भूमि पर कोई अनधिकृत निर्माण है, साथ ही वहां भी जहां न्यायालय द्वारा ध्वस्तीकरण का आदेश है।