आखिर बाबा सिद्दीकी के बेटे को गोलाबारी के दौरान क्यों नहीं आई एक भी खरोच, क्या बेटे ने ही रचा मौत का षड्यंत्र
महाराष्ट्र सरकार में सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी की शनिवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई है। वह बांद्रा में निर्मल नगर के पास अपने बेटे जीशान सिद्दीकी के कार्यालय से बाहर निकल ही रहे थे की तीन हमलावरों ने उन पर गोलाबारी करनी शुरू कर दी।
बताया जा रहा है कि करीब 7:15 बजे बिजनेसमैन से नेता बने सिद्दीकी जैसे ही ऑफिस से बाहर निकले हमलावर दौड़ते हुए आए और उन पर अंधाधुंध कई रांउड फायरिंग शुरू कर दी। उन्हें दो-तीन गोलियां लगी इनमें से एक गोली सीधे उनके सीने में लगी जो जानलेवा साबित हुई। उन्हें तुरंत लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
बताया जा रहा है कि इस में कुल 4 शूटर शामिल थे इनमें से एक शूटर फोन पर दूसरे शूटरो को बाबा सिद्दीकी की लोकेशन के बारे में जानकारी दे रहा था। बताया जा रहा है कि तीनों शूटरों में उन पर जबरदस्त फायरिंग की।
शुरुआत में लोगों ने इस बारे में कोई ध्यान नहीं दिया क्योंकि जगह-जगह पुतले जलाने के कारण गोलियों की आवाज पटाखे में दब गई थी जैसे ही कुछ लोगों को फायरिंग के बारे में पता चला हमलावरो ने सिद्दीकी को तब तक गोली मार दी थी और मौके से फरार हो गए थे गोलाबारी के बाद तीन शूटर भाग रहे थे तभी दो शूटरो को दशहरे के लिए तैनात पुलिस ने पकड़ लिया जबकि हत्याकांड में शामिल दो अन्य सूत्रों को पुलिस अभी नहीं पकड़ पाई है।
वही काफी समय से कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे बाबा सिद्दीकी पूर्व केंद्रीय मंत्री सुनील दत्त और उनकी बेटी प्रिया दत्त के काफी करीबी सहयोगी भी हैं वह 1999 से 2009 तक मुंबई की बांद्रा सीट से और फिर 2009 से 2014 तक बांद्रा ईस्ट से विधायक भी रहे। वहीं इसके बाद में बाबा के बेटे जीशान सिद्दीकी इस सीट पर विधायक बने।
बताया जा रहा है कि शनिवार शाम 7:30 बजे बाबा सिद्दीकी अपने बेटे जीशान सिद्दीकी के ऑफिस में लोगों से मिलने आए थे। 32 साल के जीशान सिद्दीकी बांद्रा ईस्ट से कांग्रेस विधायक और मुंबई यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। बाबा सिद्दीकी भी पहले कांग्रेस में थे और इसी साल फरवरी में वह हाथ छोड़कर अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी में शामिल हो गए थे।