जब हम डॉक्टरों को सर्जरी करते हुए हरे रंग के कपड़े पहने देखते हैं, तो इसका एक खास वैज्ञानिक और मानसिक कारण है। यह न केवल प्रैक्टिकल है, बल्कि डॉक्टरों के लिए मानसिक रूप से भी फायदेमंद है।1. ऐतिहासिक पहलू:हमें यह समझना चाहिए कि हरे रंग के कपड़े पहनने की परंपरा की शुरुआत साल 1914 में हुई थी। उस समय एक प्रभावशाली डॉक्टर ने सफेद रंग की वर्दी को हरे रंग में बदलने का सुझाव दिया। इसके बाद से यह चलन बढ़ा और आज के समय में अधिकांश डॉक्टर सर्जरी के दौरान हरे रंग के कपड़े पहनते हैं। हालांकि, कुछ डॉक्टर अब भी सफेद या नीले कपड़े पहनते हैं।2. आंखों को आराम और दृश्यता में सुधार:एक प्रमुख कारण यह है कि हरा और नीला रंग आंखों को आराम देते हैं। ऑपरेशन थियेटर में डॉक्टरों को लगातार उBright और हल्की रोशनी में काम करना पड़ता है, जिससे उनकी आंखों पर बहुत दबाव पड़ता है। हरे और नीले रंग की वर्दी के साथ, उन्हें आस-पास की चीजें स्पष्ट रूप से दिखाई देती हैं, क्योंकि यह रंग आंखों को शांति और आराम देता है। इसके अलावा, जब डॉक्टर ऑपरेशन के दौरान रक्त और अन्य जैविक तरल पदार्थों को देखते हैं, तो हरा रंग एक कंफर्टेबल बैकग्राउंड प्रदान करता है, जिससे उन्हें बेहतर दृष्टि मिलती है।3. मानसिक स्थिति और तनाव कम करना:सर्जरी एक तनावपूर्ण प्रक्रिया होती है, जहां डॉक्टरों को शारीरिक और मानसिक रूप से चुस्त रहना होता है। हरा और नीला रंग तनाव को कम करने और मानसिक स्थिति को स्थिर रखने में मदद करता है। यह रंग डॉक्टरों को अपने काम में फोकस बनाए रखने में मदद करते हैं, और उन्हें शांत रखते हैं, ताकि वे सही निर्णय ले सकें और ऑपरेशन सही तरीके से कर सकें।इस प्रकार, हरे रंग के कपड़े पहनने का वैज्ञानिक, मानसिक और ऐतिहासिक आधार है, जो डॉक्टरों के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से फायदेमंद होता है।