₹90000 तक जाएगा या ₹55000 पर रुकेगा, 2025 में गोल्ड रेट को लेकर क्या कह रहे हैं जानकार
साल 2025 में सोने की कीमतों ने एक बार फिर लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा है। हाल में सोने की कीमतों में तेज गिरावट देखने को मिली है। खासकर मई महीने में कीमतों में करीब दो हजार तीन सौ रुपये की कमी आई है। कुछ जानकारों ने पहले ही सोने की दामों में गिरावट की बात कही थी और अब वह सच होती नजर आ रही है। बताया जा रहा है कि इस बार सोने की कीमतें पचपन हजार रुपये प्रति दस ग्राम तक पहुंच सकती हैं। गिरावट के पीछे कई वजहें हैं। जैसे दुनिया भर की आर्थिक हालत कमजोर होना और राजनीतिक तनावों में कमी आना। इसके साथ ही अमेरिकी डॉलर की मजबूती भी इस पर असर डाल रही है।
सोने की कीमतें कई वजहों से ऊपर नीचे होती हैं। अमेरिका में फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों का क्या चल रहा है और महंगाई का स्तर क्या है इसका भी बड़ा असर पड़ता है। भारत में त्योहारों के समय जैसे दिवाली पर सोने की मांग बढ़ जाती है और कीमतें फिर ऊपर चली जाती हैं। इसके अलावा रुपये की हालत और डॉलर के मुकाबले एक्सचेंज रेट भी कीमतों को प्रभावित करता है। केंद्रीय बैंक जब सोना खरीदते हैं तो यह भी दामों को स्थिर रखने में मदद करता है।
विशेषज्ञ इस साल सोने की कीमतों को लेकर दो तरह की राय रख रहे हैं। कुछ का कहना है कि कीमतें फिर से पचासी हजार से नब्बे हजार रुपये तक पहुंच सकती हैं। खासकर जब दुनिया में कोई बड़ी अनिश्चितता हो। बैंक ऑफ अमेरिका ने भी कहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना तीन हज़ार डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है जो भारत में करीब नब्बे हजार रुपये के आस-पास होगा। हालांकि कुछ विशेषज्ञ छोटे समय में कीमतों के स्थिर रहनें की उम्मीद करते हैं और बताते हैं कि कीमतें तिहत्तर हजार से अठहत्तर हजार रुपये के बीच रह सकती हैं।
निवेशक लोग जो सोने में पैसा लगाना चाहते हैं उन्हें सलाह दी जाती है कि वे बाजार की चाल पर ध्यान रखें। गिरावट के वक्त खरीदारी करना अच्छा मौका हो सकता है। खासकर अगर वो लंबे समय तक सोना रखना चाहते हैं। सोना महंगाई से बचाव का भी एक जरिया माना जाता है और निवेश में विविधता लाने के लिए भी बेहतर है। लेकिन फिर भी विशेषज्ञों की सलाह लेना जरूरी है और सही दाम जानने के लिए स्थानीय ज्वैलर्स से संपर्क करना भी फायदेमंद होगा।