महिला चिकित्सालय में डॉक्टरों ने एक दिन में दो महत्वपूर्ण स्थापित किया। पहला कीर्तिमान दौसा निवासी गर्भवती महिला ने सामान डिलीवरी कराकर एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया जिसमें दो लड़के और दो लड़कियां हैं। यह घटना एक साधारण घटना है क्योंकि सामान्य डिलीवरी से चार बच्चों का जन्म दुर्लभ है और काफी चुनौती पल प्रक्रिया है। बच्चों के जन्म के बाद उन्हें सांस लेने में थोड़ी तकलीफ हो रही थी जिसके चलते उन्हें भर्ती कराया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।दूसरा कीर्तिमान टोंक निवासी है जो पहले से ही गंभीर अवस्था में था चिकित्सा समस्या से जूझ रही महिला ने पांचवें सी सेक्शन ऑपरेशन कर गांठ से बचाकर एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है, इससे पहले महिला को गंभीर प्रीक्लेम्प्सिया और चार पहले के सी-सेक्शन, आरएच निगेटिव गर्भावस्था, विशाल यूटेराइन फाइब्रॉयड, एनीमिया और पेट में दर्द की स्थिति में महिला को टोंक से रेफर किया गया था।अत्यधिक सावधानी और विशेषज्ञ के बाद इस जनरल ऑपरेशन को सफलतापुर खत्म किया जिसके बाद महिला ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया ऑपरेशन के दौरान महिला की मायोमेक्टोमी भी की गई, जो कि एक चुनौतीपूर्ण और जटिल प्रक्रिया है। ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने बताया कि इस प्रकार के मामलों में विशेष सावधानी और धैर्य की आवश्यकता होती है, लेकिन सफल ऑपरेशन के बाद मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।महिला चिकित्सालय अधीक्षक डॉक्टर आशा वर्मा का कहना है कि दौसा में रहने वाले संतोष प्रजापति को 4 अगस्त को अस्पताल की यूनिट 6 में भर्ती कराया गया था। सोमवार सुबह करीब 8:00 बजे महिला को डिलीवरी के लिए ओटी में ले गए जहां नॉर्मल डिलीवरी के जरिए महिला ने चार बच्चों को जन्म दिया। बच्चों का वजन कम होने के कारण उन्हें विशेष निगरानी में रखा गया है।इसमें से दो बच्चे तो एक-एक किलोग्राम के हैं जबकि एक बच्चा 700 ग्राम का एक 930 ग्राम का है। डॉक्टर ने बताया- महिला अभी स्वस्थ्य है, लेकिन बच्चों को सांस लेने में थोड़ी तकलीफ है। उन्होंने बताया- महिला को गर्भवती के दौरान एनीमिया की भी शिकायत थी। इसका इलाज इसी अस्पताल में चल रहा है।Nicu के इंचार्ज और शिशु रोग विशेषज्ञ विष्णु अग्रवाल का कहना है कि चारों बच्चे अभी यूनिट में भर्ती है और उनको ऑक्सीजन सपोर्ट दिया जा रहा है।डॉ अग्रवाल का कहना है कि जब नॉर्मल बच्चे पैदा होते हैं तो उनका वजन ढाई किलोग्राम या उससे ज्यादा होता है। इन बच्चों में वजन बहुत कम है इसलिए कॉम्प्लिकेशन ज्यादा है। बच्चों के फेफड़ों में थोड़ी दिक्कत है। उनको सांस लेने में तकलीफ हो रही है डॉक्टर ने बताया कि बच्चों को अच्छे से अच्छा ट्रीटमेंट दिया जा रहा है ताकि वह नॉर्मल हो सके।