तिरुपति भगदड़ में बाल बाल बची महिला की जान, कैसे हुआ हादसा, बताई पूरी आपबीती
आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में बुधवार देर रात 9:30 बजे वैकुंठ द्वार दर्शन टिकट काउंटर के पास अचानक भगदड़ मच गई।
दर्शन को लेकर लंबी लाइन में खड़ी महिला जब अस्वस्थ महसूस कर रही थी, तो उसकी मदद के लिए गेट खोला गया।
तभी भीड़ एक साथ आगे बढ़ गई और अफरा-तफरी का माहौल बन गया। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था न होने के चलते भगदड़ मच गई। इस हादसे में एक महिला समेत 6 लोगों की मौत हो गई और 40 लोग घायल हो गए है।
घायलों को उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया है। वहीं एक महिला श्रद्धालु, जिसने यह भगदड़ अपनी आंखों से देखी और जैसे-तैसे अपनी जान बचाई। इस महिला ने आपबीती बताई है।
मंदिर में दर्शन करने आईं लक्ष्मी नामक महिला ने कहा कि ‘5 मिनट के लिए तो हमें यह लगा कि हम मर चुके हैं। पिछले 25 साल से मंदिर आ रही हूं, लेकिन कभी ऐसा नहीं हुआ। 6 लड़कों ने उसे एक तरफ खींचा और पीने के लिए थोड़ा पानी दिया।
लक्ष्मी ने बताया कि अचानक लोग आगे बढ़े और जहां वह खड़ी थी, वहां 10 लोग गिर गए। मंदिर में हुई यह घटना काफी भयावह थी।
लक्ष्मी ने कहा कि मैं चिल्ला रही थी कि मैं गिर रही हूं, लेकिन लोग पीछे से भागकर आ रहे थे। लोग बेकाबू हो चुके थे। वे भक्तों के ऊपर से गुजर रहे थे। मैं काफी देर तक सांस भी नहीं ले पा रही थी।
कोई कुछ सुन ही नहीं रहा था। लोग समझ नहीं पा रहे थे कि क्या हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस ने भक्तों को व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ने दिया होता, तो घटना टल सकती थी।
एक दूसरी भक्त ने कहा कि वह सुबह 11 बजे मंदिर आई थी। शाम 7 बजे गेट खोला गया था। एक व्यक्ति ने भक्तों से कहा कि वे जल्दबाजी न करें और लाइन में न जाएं, लेकिन किसी ने नहीं सुना।
पुलिस बाहर थी, अंदर नहीं। एक और श्रद्धालु ने कहा कि पुलिस को 5,000 भक्तों के आने की जानकारी दी गई थी। पुलिस ने अचानक गेट खोल दिया, जिससे भगदड़ मच गई।
मंदिर में भगदड़ की घटना पर दुख जताते हुए वाईएसआरसीपी प्रमुख वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने सरकार से घायलों की बेहतर चिकित्सा व्यवस्था कराने के लिए कहा। उन्होंने घटनास्थल पर व्यवस्था बहाल करने के लिए जरूरी कदम उठाने की मांग की।
वहीं कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष कोलानुकोंडा शिवाजी ने टीटीडी के चेयरमैन बीआर नायडू के तत्काल इस्तीफे और मृतकों के परिजनों को 50 लाख रुपये मुआवजा देने और प्रभावित परिवारों के एक-एक सदस्य को टीटीडी में नौकरी देने की मांग की।