बांग्लादेश हिंसा में 32 की मौत, भारतीयों को भी किया अलर्ट, हेल्प लाइन नंबर भी जारी
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ अवामी लीग के समर्थकों के बीच हुई झड़प ने 72 लोगों की मौत हो गई और 30 अन्य घायल बताए जा रहें है।
भारत ने बांग्लादेश में रह रहे अपने नागरिकों से संपर्क में रहने और सतर्क रहने को कहा है। इसके साथ ही छात्रों सहित सभी भारतीयों को आपातकालीन स्थिति में हेल्पलाइन नंबर 88-01313076402 पर संपर्क करने की सलाह दी गई है।
सरकार के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शनकारी एक 'असहयोग कार्यक्रम' में भाग लेने पहुंचे। अवामी लीग, छात्र लीग और जुबो लीग के कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध किया और फिर दोनों पक्षों के बीच झड़प हो गई।
समाचार पत्र 'ढाका ट्रिब्यून' ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि प्रदर्शनकारियों और अवामी लीग के समर्थकों के बीच मुंशीगंज में हुई झड़प में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और 30 अन्य घायल हुए हैं। इस खबर में मृतकों की पहचान का खुलासा नहीं किया गया है।
समाचार पोर्टल 'बीडीन्यूज24' खबर की मानें तो प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग की और आरक्षण में सुधार को लेकर हाल में हुए विरोध प्रदर्शनों में मारे गए लोगों के लिए न्याय की मांग करते हुए नारे लगाए। प्रदर्शनकारी असहयोग आंदोलन के पहले दिन राजधानी के साइंस लैब चौराहे पर भी एकत्र हुए और उन्होंने सरकार विरोधी नारे लगाए।
इस बीच बांग्लादेश के कई हिस्सों में फिर से हिंसा भड़क उठी। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने रविवार को कहा कि विरोध के नाम पर तोड़फोड़ करने वाले लोग छात्र नहीं, बल्कि आतंकवादी हैं और ऐसे तत्वों से सख्ती से निपटने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं देशवासियों से इन आतंकवादियों का सख्ती से दमन करने की अपील करती हूं।