अगर आप शराब, सिगरेट या तंबाकू पीने के शौकीन हैं, तो यह खबर आपके खर्च पर असर डाल सकती है। Group of Ministers (GoM) ने इन घातक उत्पादों पर जीएसटी दर को वर्तमान 28% से बढ़ाकर 35% करने की सिफारिश की है। बताया जा रहा है कि जनता की सुरक्षा और राजस्व को बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया जा सकता है।आखिर क्यों उठाया गया यह कदम ?आम जनता की सेहत को सुधारने और गैर-जरूरी खपत को कम करने के उद्देश्य से सरकार ने यह कदम उठाया है। अगर यह सिफारिशें लागू होती है तो इससे सरकार को अतिरिक्त राजस्व मिलेगा।टैक्स दरें क्यों बढ़ाई जा सकती हैं?GoM ने जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने का सुझाव दिया है। उनका मानना है कि इन उत्पादों पर अधिक टैक्स लगाने से खपत कम हो सकती है और सरकार को अधिक राजस्व मिलेगा। 2 दिसंबर को हुई GoM की बैठक के बाद यह सिफारिश सामने आई है।जीएसटी टैक्स बढ़ाने की सिफारिश सिर्फ ठंडे पेय पदार्थों और सिगरेट पर नहीं सीमित है। रेडीमेड कपड़े पर जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने का भी प्रस्ताव बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में किया गया है।1,500 रुपये तक के कपड़े पर 5% जीएसटी लागू होगा।1,500 रुपये से 10,000 रुपये के कपड़े पर 18% जीएसटी लागू होगा।10,000 रुपये से अधिक मूल्य वाले कपड़े पर 28 प्रतिशत जीएसटी लागू होगा।कहा जा रहा है कि यह बदलाव कपड़ा उद्योग और खरीदारों दोनों के लिए फायदेमंद होगा।क्या कहती है GoM रिपोर्ट ?GoM की रिपोर्ट के अनुसार, 148 वस्तुओं पर टैक्स दरों में बदलाव की सिफारिश की गई है। जीएसटी काउंसिल की बैठक इन बदलावों पर अंतिम फैसला करेगी।GoM इस हफ्ते सौंपेगा रिपोर्टGST काउंसिल की बैठक 21 दिसंबर को जैसलमेर में होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बैठक की अध्यक्षता करेंगी।उम्मीद है कि इस बैठक में जीओएम की सिफारिशों पर फैसला ले लिया जाएगा।क्या पड़ेगा प्रभाव ?आम ग्राहकों पर असर: कोल्ड ड्रिंक और सिगरेट की कीमतें बढ़ने से इनकी खपत घट सकती है।सरकार का लाभ: कर आय में वृद्धि होगी।वस्त्र उद्योग पर प्रभाव: सस्ता कपड़ा सस्ता रहेगा, लेकिन महंगे कपड़े में जीएसटी अधिक होने से सरकार का राजस्व बढ़ेगा।