मुंबई में नवरात्रि की अखंड ज्योति में जली सात जिंदगियां, एक ही परिवार के सारे लोग जलकर हुए खाक
मुंबई के सिद्धार्थनगर में भीषण आग लगने से सात जिंदगियां चली गई। इस अग्निकांड में एक ही परिवार के सारे लोगों की मौत हो गई। बताया जा रहा है की पूजा घर में जल रही अखंड ज्योति से यह आग लगी थी जिसे धीरे-धीरे विकराल रूप ले लिया।
बताया जा रहा है कि घर के अंदर दुकान में अवैध रूप से 25 लीटर केरोसिन तेल रखा हुआ था जिसकी वजह से आग ने भीषण रूप ले लिया।
यह घटना करीब सुबह 4:30 बजे की है। आपको बता दे की झुग्गी बस्ती सिद्धार्थ कॉलोनी के पुनर्वास परियोजना का हिस्सा थी। झुग्गी की संकरी गलियों के कारण फायर ब्रिगेड के लिए भी उसे क्षेत्र तक पहुंचना काफी मुश्किल हो गया था। फायर टेंडर को दूर से आग बुझाने के लिए पार्क करना पड़ा और पानी की नली को दूर से ही फैलाना पड़ा।
परिवार के सात सदस्य - मंजू प्रेम गुप्ता (30), प्रेम छेदीराम गुप्ता (30), अनीता धर्मदेव गुप्ता (39), गीतादेवी गुप्ता (60), प्रीति प्रेम गुप्ता (6), नरेंद्र गुप्ता (10) और विधि छेदीराम गुप्ता (15) सभी आग में जलकर मर गए। राजावाड़ी अस्पताल पहुंचने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
बचाव दल के एक अधिकारी का कहना है की आग लगते ही परिवार के सारे सदस्यों को बाहर निकालने में मदद की गई लेकिन जब तक हम टिन की छत पर पहुंचे, तब तक आग पहली मंजिल तक फैल चुकी थी। दुर्भाग्य से, तब तक कई लोग बहुत सारा धुआं अंदर ले चुके थे।
वहीं मुख्य अग्निशमन अधिकारी रवींद्र अंबुलगेकर ने पुष्टि की कि केरोसिन के अवैध भंडारण ने आग को और बढ़ा दिया। अधिकारी का कहना है कि वहां करीब 25 लीटर केरोसिन तेल था। दिया गिरने से लकड़ियां जलने लगी और फिर केरोसिन ने आग को और भड़का दिया। घर के लोगों को बाहर निकलने का मौका भी नहीं मिला क्योंकि वहां आने जाने का एक ही रास्ता था
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सिद्धार्थ नगर अग्निकांड में मारे गए लोगों के परिजनों को 5 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। उन्होंने यह भी कहा है कि घायलों को सरकारी अस्पताल में मुफ्त इलाज दिया जाएगा। दुर्घटना स्थल पर पहुंचे मुख्यमंत्री शिंदे ने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और उनकी मदद का वादा किया उन्होंने कहा भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उच्च स्तरीय जांच के आदेश भी दिए जा रहे हैं।
निरीक्षण के दौरान सीएम के साथ केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले, संरक्षक मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा, पूर्व सांसद राहुल शेवाले और अधिकारी मौजूद थे।