हरियाणा के फतेहाबाद में रविवार तड़के भीषण अग्निकांड हो गया। यहां 60 श्रद्धालुओं से भरी बस में भीषण आग लग गई। बस से धुंआ निकलते देखकर सवारियों में चीख पुकार मच गई।गनीमत रही कि इस दौरान ड्राइवर ने धुंआ निकलते देखते ही बस सड़क किनारे खड़ी कर दी और सवारियों को उतार दिया। जिसके बाद पूरी बस आग की लपटों से घिर गई और देखते ही देखते बस जलकर राख हो गई। इस दौरान यही जरा-सी भी देर हो जाती है तो बस में सवार सभी यात्री जिंदा जलकर मारे जाते, लेकिन ड्राइवर की सूझ-बूझ से उनकी जान बच गई। सभी ने जान बचाने के लिए ड्राइवर का आभार जताया। पुलिस ने मौके पर आकर स्थिति को संभाला।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बस में हिसार के आजाद नगर निवासी बैठे थे, जो सिरसा में सिकंदरपुर स्थित राधा स्वामी डेरे में जा रहे थे। वहां रविवार को सत्संग समारोह था, लेकिन फतेहाबाद के गांव बड़ोपल और गांव धांगड़ के बीच हाईवे पर बने होटल कमल कीकू के पास हादसे का शिकार हो गई। बस के पिछले पहिए से अचानक धुंआ निकलने लगा। ड्राइवर को राहगीरों ने धुंआ निकलने के बारे में बताया। जैसे ही उसे पता चला, उसने सब सड़क किनारे लगा दी। सभी सवारियों को एक-एक करके नीचे उतारा। इस रेस्क्यू ने सभी सवारियों ने एक दूसरे की मदद की। हड़बड़ाहट में यात्रियों का सामान अंदर ही रह गया। इसके बाद बस ने आग पकड़ ली और बस जलने लगी। विकराल लपटों से घिरी बस देखकर सवारियां डर गईं।सवारियों ने बताया कि ड्राइवर ने फायर ब्रिगेड को फोन करके आग लगने की सूचना दी। स्थानीय पुलिस को भी आग लगने के बारे में बताया गया। जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन फायर ब्रिगेड को पहुंचने में देरी हो गई। दमकल वाहनों के आने तक बस जलकर रख हो चुकी थी। फायर ब्रिगेड की देरी पर सवारियों ने नाराजगी जताई, लेकिन पुलिस ने किसी तरह समझाकर उन्हें शांत किया। साथ ही लोकल ट्रैवलिंग एजेंसी की बस बुलाकर सवारियों को उसमें बिठाकर सिरसा के लिए रवाना किया। सवारियों ने बताया कि राधा स्वामी डेरा सिकंदरपुर, सिरसा में 30 नवंबर और 1 दिसंबर को सालाना सत्संग और भंडारा होता है। इसी में शामिल होने के लिए वे देररात निकले थे कि हादसा हो गया।