अभी अभी
उत्तराखंड | नैनीतालहरिद्धारसोमेश्वररूद्रप्रयागरामनगरभतरोजखानबेरीनागबेतालघाटबागेश्वरपौड़ी गढ़वालपिथौरागढ़हरिद्वारहल्द्धानीदेहरादूनअल्मोड़ाताड़ीखेतचम्पावतऊधम सिंह नगरउत्तरकाशी
जॉब अलर्ट
देश | हिमांचल प्रदेश
दुनिया
Advertisement

योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद से हटाने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका, जाने क्या है पूरा मामला

07:44 PM Dec 20, 2024 IST | Newsdesk Uttranews
Advertisement

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उनके मुख्यमंत्री पद से हटाने के लिए मांग की गई है और एक जनहित याचिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दायर की गई है। पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज की उत्तर प्रदेश शाखा की ओर से दायर इस जनहित याचिका में कहा गया है कि न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव के समर्थन में योगी आदित्यनाथ का बयान धर्मनिरपेक्ष भारतीय गणतंत्र के लिए अपमान है।

Advertisement

जनहित याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश शेखर कुमार यादव ने 8 दिसंबर 2024 को विश्व हिंदू परिषद के विधि प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी जिसके बाद उच्चतम न्यायालय ने इस मामले का संज्ञान लिया था और न्यायालय से इसकी प्रतिक्रिया मांगी थी।

Advertisement

जनहित याचिका में यह आरोप लगाया गया था कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न्याय मूर्ति यादव के टिप्पणियों का खुले तौर पर समर्थन किया था जो मुख्यमंत्री पद और कार्यालय के शपथ का घोर उल्लंघन है क्योंकि बयान में भारत के संविधान के प्रति आस्था निष्ठा की बात भी की जा रही है। इसलिए योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की याचिका दायर की गई है।

Advertisement

आपको बता दे कि विश्व हिंदू परिषद के एक कार्यक्रम में कथित तौर पर विवादस्पद बयान देने वाले इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश शेखर कुमार यादव को सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम के समक्ष पेश किया गया।

Advertisement

बताया जा रहा है कि यादव प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना के अध्यक्षता वाले कॉलेजियम में पेश हुए और इस दौरान उनसे दिए के बयानों पर अपना पक्ष रखने के लिए भी कहा गया। शीर्ष अदालत ने 10 दिसंबर को बयानों पर आधारित खबरों का संज्ञान लिया और इस मुद्दे पर इलाहाबाद हाई कोर्ट से रिपोर्ट मांगी।

Advertisement
Advertisement
Next Article