नैनीताल। आदमी को उसके शौक भी कहां से कहां लेकर आ जाते हैं,बस इन शौक को पूरा करने के लिए उनके मन में दृढ़ इच्छा होनी चाहिए और फिर मंजिल भी आसानी से मिल ही जाती है।यहां हम बात कर रहे हैं नैनीताल में नाव बनाकर अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले खडक़ सिंह चौहान की। जो कि मूल रूप से कुमाऊं मंडल के अल्मोड़ा जिले के भनौली तहसील के तहत राजा गांव निवासी स्वर्गीय धन सिंह चौहान के पुत्र हैं । खडक़ सिंह चौहान की प्रारंभिक शिक्षा जीआईसी भेटा बडोली से हुई। बचपन में से वह गांव में पढ़ाई के साथ ही लकड़ी से संबंधित कार्य भी किया करते थे,उसके बाद वह रोजी-रोटी की तलाश में हरियाणा के होटल में चले गए,इस दौरान भी करीब 20 वर्षो तक होटल में कार्य करने के साथ ही उन्होंने गर्मियों के सीजन में नैनीताल आकर नाब बनाने का कार्य भी करते रहे जो आज भी अनवरत जारी है। खडक़ सिंह को गाना लिखने तथा गाने का शौक बचपन से ही था लेकिन उन्होंने अपना यह शौक काफी लंबे समय के बाद इस वर्ष अक्टूबर माह के अंत में पूरा किया। खडक़ के मुताबिक उन्होंने एक पहाड़ी गाना उड़ कबूतर जा जा मेर चिट्टी ली जा दे,आली तो उ बुला लाए, न आली मेरी चिट्टी दी आये लिखा फिर उसको निर्माता भुवन कुमार की मदद से हल्द्वानी के नंदा स्टूडियों में गाया। खडक़ का मानना है कि उनका कुमाऊँनी में गाना गाने तथा लिखने के पीछे मकसद यह भी है कि गाने के साथ ही हमारी कुमाऊंनी भाषा को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वृहद स्तर पर पहचान मिल सके। बता दें खडक़ सिंह की पत्नी ग्रहणी हैं जिनकी उम्र लगभग 34 वर्ष उनकी दो बेटियां पिंकी चौहान 13 वर्ष व पूजा चौहान 17 वर्ष की है।