त्योहारी सीजन से पहले आम जनता को लगा बड़ा झटका, किराना सामग्री और सब्जियों की कीमतों में हुई बढ़ोतरी
दिवाली से पहले गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को बड़ा झटका लगा है। त्योहारी सीजन से पहले किराना सामग्री और सब्जियों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई है। एक महीने में खाद्य वस्तुओं के दामों में अभूतपूर्व उछाल देखा गया है।
अब तो न केवल सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं, बल्कि किराना सामान की कीमतों में भी बढ़ोतरी हो रही है।
तेल और किराना सामान के दामों में 30% तक उछाल किराना व्यापार से जुड़े लोगों का कहना है कि इस साल महंगाई की दर में जिस तेजी से बढ़ोतरी हुई है ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। एक महीने पहले तक जो खाद्य तेल 130 रुपए प्रति लीटर मिल रहा था, वह अब 150-160 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गया है। यह वृद्धि लगभग 30% तक है, जिसने गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के रसोई बजट को बुरी तरह से बिगड़ गया है।
महंगाई की इस लहर से न केवल ग्राहक वर्ग, बल्कि व्यापारियों को भी परेशानी हो रही है। कारोबार की लागत बढ़ गई है, लेकिन मांग में कमी के चलते मुनाफा घट गया है।
रिफाइंड तेल पर सीमा शुल्क बढ़ाए जाने के फैसले ने कीमतों को और अधिक प्रभावित किया है। खाद्य तेल की कीमतों में 25-35 रुपए और सरसों के तेल की कीमतों में 30-40 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि हुई है। सरकार को उम्मीद है कि इस निर्णय से देश के किसानों को फायदा होगा, लेकिन इसका सीधा असर आम जनता के रसोई बजट पर पड़ा है।
अन्य किराना वस्तुएं और ड्राई फ्रूट भी महंगे तेल के अलावा, आटे की कीमतों में भी 3-5 रुपए प्रति किलो की बढ़ोतरी हुई है। पांच किलो आटे का पैक, जो पहले 150 रुपए में मिल रहा था, अब 170-175 रुपए में बिक रहा है। ड्राई फ्रूट की कीमतों में भी उछाल आया है। काजू, बादाम और मखाने जैसे आइटम्स की कीमतें क्रमशः 800 से बढ़कर 1100 रुपए, 600 से 850 रुपए और 700 से 1200 रुपए प्रति किलो हो गई हैं।
पूजा सामग्री के दाम भी बढ़ सकते हैं आने वाले नवरात्र के चलते पूजा-पाठ की सामग्री, जैसे नारियल, के दामों में भी तेजी आने की संभावना है। महंगाई से न केवल खाने-पीने का सामान, बल्कि धार्मिक आयोजनों की लागत भी बढ़ सकती है।