अल्मोड़ा में सर्द होते तापमान के बीच कांग्रेस ने राजनैतिक गर्मी बढ़ा दी है। भाजपा नेता और वर्तमान में व्यापार मंडल के जिला महामंत्री,रेडक्रास के जिला उपाध्यक्ष भैरव गोस्वामी ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया है। उनके इस कदम से कांग्रेस को स्थानीय राजनीति में बड़ी मजबूती मिलने की उम्मीद है।उन्होंने पार्टी जिलाध्यक्ष भूपेंद्र भोज,विधायक मनोज तिवारी,निवर्तमान पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी,महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष राधा बिष्ट आदि की मौजूदगी में कांग्रेस ज्वाइन की।भैरव गोस्वामी की कांग्रेस में नई शुरुआतभैरव गोस्वामी, जो पूर्व में व्यापार मंडल के नगर अध्यक्ष भी रह चुके हैं, ने आज कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। उनके साथ कई युवा नेता भी कांग्रेस में शामिल हुए। माना जा रहा है कि भैरव गोस्वामी आगामी नगर निगम चुनाव में कांग्रेस की ओर से मेयर पद के प्रबल दावेदार हो सकते हैं।नगर निगम चुनाव में आरक्षण का बदला समीकरणगौरतलब है कि पहले अल्मोड़ा नगर निगम की मेयर सीट महिला आरक्षित थी। हालांकि, हाल ही में 23 दिसंबर को शासन ने इस सीट को ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के लिए आरक्षित घोषित कर दिया। इस बदलाव ने चुनावी गणित को पूरी तरह से बदल दिया है।कांग्रेस के लिए क्या है यह संकेत?भैरव गोस्वामी का कांग्रेस में शामिल होना भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।क्या कहा भैरव गोस्वामी नेकांग्रेस में शामिल होने के बाद भैरव गोस्वामी ने कहा, "मैंने जनता की सेवा और क्षेत्र के विकास के लिए कांग्रेस का हाथ थामा है। मुझे विश्वास है कि कांग्रेस ही अल्मोड़ा और उत्तराखंड के विकास के लिए सही विकल्प है।"स्थानीय राजनीति में उठते सवालभैरव गोस्वामी के कांग्रेस में शामिल होने के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या भैरव से नजदीकी रखने वाले भाजपा के अन्य नेता भी ऐसा कदम उठाएंगे। वहीं, कांग्रेस ने इसे अपनी बड़ी जीत बताया है और दावा किया है कि आगामी चुनावों में पार्टी मजबूती से उभरेगी।भैरव गोस्वामी का कांग्रेस में शामिल होना और नगर निगम की आरक्षण नीति में बदलाव अल्मोड़ा की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनावों में भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला किस दिशा में जाता है।