भारत सरकार गरीब और जरूरतमंद परिवारों को राशन कार्ड उपलब्ध कराती है, ताकि उन्हें कम दरों पर राशन मिल सके। राशन कार्ड न केवल एक आवश्यक दस्तावेज है, बल्कि यह देश के 80 करोड़ लोगों को सस्ती दरों पर खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने में सहायक होता है। लेकिन राशन कार्ड योजना का लाभ सिर्फ उचित लोगों को ही मिले, इसके लिए सरकार ने सभी राशन कार्ड धारकों के लिए ई-केवाईसी प्रक्रिया को अनिवार्य कर दिया है। इस नई व्यवस्था का उद्देश्य राशन वितरण प्रणाली में सुधार करना है।सरकार ने राशन कार्ड धारकों को ई-केवाईसी पूरा करने के लिए 31 दिसंबर 2024 तक का समय दिया है। 31 दिसंबर से पहले अगर कोई राशन कार्ड धारक ई-केवाईसी नहीं कराता तो उसका नाम राशन कार्ड की लिस्ट से हटा दिया जाएगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, राशन कार्ड योजना में सबसे अधिक फर्जीवाड़े के मामले उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों में पाए गए हैं। सरकार के इस कदम से राशन वितरण प्रणाली में हो रही धोखाधड़ी पर काबू पाया जा सकेगा।ई-केवाईसी का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राशन कार्ड योजना का लाभ केवल वास्तविक लाभार्थियों को ही मिले और अपात्र लोग इसका लाभ न उठा सकें। ई-केवाईसी के दौरान राशन कार्ड धारक को सत्यापन प्रक्रिया से गुजरना होता है, जिसमें प्रत्येक सदस्य की व्यक्तिगत जानकारी (जैसे नाम, जन्मतिथि, आधार कार्ड से लिंक मोबाइल नंबर) सत्यापित की जाती है।ई-केवाईसी प्रक्रिया में बायोमेट्रिक सत्यापन और नवीनतम तस्वीर अपलोड करना भी शामिल है। जो लोग समय पर ई-केवाईसी नहीं करवाते, उन्हें भविष्य में राशन कार्ड से वंचित किया जा सकता है। इसके अलावा, उनके राशन कार्ड को अस्थाई रूप से सस्पेंड किया जा सकता है। कुछ लोगों को राशन कार्ड के लिए फिर से आवेदन करना भी पड़ सकता है।