उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की ओर से पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का रिजल्ट अब जल्द ही सामने आने वाला है। रिजल्ट की घोषणा से पहले बोर्ड द्वारा आंसर शीट भी जारी की जाएगी जिसमें उम्मीदवार अपनी उत्तर कुंजी की जांच कर सकेंगे और आवश्यकता अनुसार आपत्ति भी दर्ज कर सकेंगे।आपको बता दे कि इस परीक्षा का आयोजन 23 से 31 अगस्त के बीच में किया गया था जिसमें 32 लाख से ज्यादा लोगों ने भाग लिया था। इन पदों के लिए केवल 60224 वैकेंसी हैं। अब इस परीक्षा का परिणाम बताया जा रहा है कि दिसंबर तक घोषित कर दिया जाएगा भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद 6 महीने का समय लग सकता है।प्रोविजनल आंसर की जारी होगी:रिजल्ट के आने से पहले बोर्ड प्रोविजनल आंसर शीट को भी जारी कर देगा, जिससे उम्मीदवार अपने उत्तरों को मिलान कर सकेंगे। अगर किसी उत्तर से वह संतुष्ट नहीं होते हैं तो वह आपत्ति दर्ज कर सकते हैं।शारीरिक मानक परीक्षण (PET) और फिजिकल स्टैंडर्ड टेस्ट (PST):उम्मीदवारों को मानक प्रशिक्षण में शामिल होना होगा पुरुष उम्मीदवारों की लंबाई 168 सेंटीमीटर और अनुसूचित जाति जनजाति के लिए 160 सेंटीमीटर होनी चाहिए। महिलाओं के लिए न्यूनतम लंबाई 152 सेंटीमीटर और अनुसूचित जाति के लिए 147 सेंटीमीटर रखी गई है ।पुरुष उम्मीदवारों का सीन 79 सेंटीमीटर और फुलाव के साथ 84 सेंटीमीटर होना चाहिए। पुरुषों को 4.8 किलोमीटर की दौड़ 25 मिनट में पूरी करनी होगी जबकि महिलाओं को 2.4 किलोमीटर की दौड़ 14 मिनट में पूरी करनी होगी।2.5 गुना उम्मीदवारों को बुलाया जाएगा:लिखित परीक्षा के परिणामों के आधार पर, आरक्षण के अनुसार मेरिट तय की जाएगी और 2.5 गुना लोगों को डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन और फिजिकल टेस्ट (DV-PST) के लिए बुलाया जाएगा। यानी 1.5 लाख से अधिक उम्मीदवारों को DV-PST के लिए बुलाया जाएगा।फिजिकल टेस्ट के स्थान:फिजिकल टेस्ट नजदीक के जोनल मुख्यालय पर आयोजित किया जाएगा। राज्य के अन्य हिस्सों से आए उम्मीदवारों को उनके नजदीक जोनल मुख्यालय पर बुलाया जाएगा। उदाहरण के लिए, बिहार के उम्मीदवारों को गोरखपुर और वाराणसी, राजस्थान के उम्मीदवारों को आगरा, हरियाणा और पंजाब के उम्मीदवारों को मेरठ बुलाया जाएगा।पिछली भर्ती प्रक्रिया की तुलना:योगी सरकार ने नवंबर 2018 में 49,568 पदों के लिए सिपाहियों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। इस भर्ती को पूरा करने में ढाई साल का समय लगा था, क्योंकि प्रशिक्षण को तीन चरणों में बांटा गया था। अब प्रशिक्षण क्षमता 12,000 कर दी गई है और नए प्रशिक्षण केंद्र सुल्तानपुर और जालौन में खोले गए हैं।