भाजपा विधायक के भाई और उनके साथ दो लोगों को एसएसबी ने भारत-नेपाल इंटरनेशनल बॉर्डर से 40 जिंदा कारतूसों के साथ गिरफ्तार किया। इसके बाद एसएसबी ने आरोपियों को चंपावत की बनबसा पुलिस के हवाले कर दिया। अब इस मामले के सामने आते ही पूरे प्रदेश में इसको लेकर राजनीति गरमा गई है।बताते चले कि बीते शुक्रवार को उत्तराखंड के चम्पावत जनपद से नेपाल भारत के बनबसा बॉर्डर पर SSB की 57 वीं वाहिनी के जवानों ने चेकिंग के दौरान अवैध सामान और 40 कारतूस के साथ दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था। पकड़े गए आरोपियों में से एक अल्मोड़ा जिले के रानीखेत विधानसभा के विधायक डॉ प्रमोद नैनवाल के छोटे भाई हैं जिसके साथ उनके ड्राइवर दिनेश चंद्र को भी गिरफ्तार किया गया था।इस बात को लेकर कांग्रेस ने भी भाजपा पर निशाना साधा है। वह भाजपा इस पूरे मामले में विधायक का बचाव कर रही है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा और राज्य सरकार को घेरा है।कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि भाजपा विधायक के छोटे भाई को अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर सशस्त्र सीमा बल ने 57वीं वाहिनी ने 40 अवैध कारतूसों के साथ गिरफ्तार किया है। माहरा ने आरोप लगाया कि इस घटना के बाद प्रशासन और पुलिस विधायक भाई को बचाने में जुट गई है।महरा का कहना है कि उनसे लाइसेंस दिखाने को भी कहा जा रहा है। उन्होंने यह सवाल भी उठाया की कोई कारतूस लेकर दूसरे देश में क्यों जा रहा है? क्या देश की सीमाएं लांघी जा रही हैं लेकिन प्रशासन उन्हें लाइसेंस दिखाने का समय दे रहा है।पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि माओवादी मामले के पुराने इतिहास को देखते हुए यह घटना काफी चिंताजनक है, कहा कि इस मामले को प्रदेश सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक दबाने में लग गई है। हरीश रावत का कहना है कि इस मामले को लेकर कांग्रेस राज्य के लोगों को समझायेगी और जरूरत पड़ी तो सभी सबूत को इकट्ठा करके राज्यपाल के पास भी जाएगी और आंतरिक सुरक्षा से जुड़े इस मामले को लेकर मुलाकात करेगी।भाजपा ने कहा कि रानीखेत विधायक के भाई को लेकर हरीश रावत राजनीतिक लाभ के लिए सनसनी फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी ने पलटवार किया कि इस पूरे घटनाक्रम में हुई अब तक हुई कानूनी कार्यवाही, पूरी तरह निष्पक्षता की पुष्टि करती है।