मुख्य वन संरक्षक कुमांऊ धीरज पांडे ने किया बिनसर सेंचुरी का दौरा, शहीद स्मारक बनाने के निर्देश दिए, सामाजिक संगठनों ने भी की मुलाकात
Chief Forest Conservator Kumaon Dheeraj Pandey visited Binsar Century
अल्मोड़ा: मुख्य वन संरक्षक कुमाँऊ धीरज पाण्डे ने बिनसर वन्य जीव विहार का भ्रमण किया।
उन्होंने बिनसर वन्य जीव विहार के प्रवेश द्वार पर स्थित प्रकृति परिचय केन्द्र का निरीक्षण कर वन शहीदों की स्मृति में शहीद स्मारक बनाने के निर्देश दिये व स्थल पर ही भूमि का चयन कर मौके पर ही अधिकारियों को निर्देशित किया कि शहीद स्मारक का तुरन्त आगणन बनाने हुए तत्काल कार्य प्रारम्भ किया जाए।
उन्होंने विभिन्न सामाजिक संगठनों व प्रतिनिधियों से मुलाकात भी की।लोक प्रबन्ध विकास संस्था के प्रतिनिधियों द्वारा एक ज्ञापन मुख्य वन संरक्षक कुमाँऊ को दिया गया। जिसके बाद वन संरक्षक कुमाँऊ द्वारा लोक प्रबन्ध विकास संस्था के अध्यक्ष श्री ईश्वरी दत्त जोशी व उनके साथ आये प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की गयी। जिसमें ईश्वरी दत्त जोशी द्वारा क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया गया जिस पर मुख्य वन संरक्षक कुमाँऊ द्वारा उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया गया तथा मौके पर मौजूद अधिकारियों / कर्मचारियों को जनता के बीच जा कर जनता से संवाद करने व आगामी वनाग्नि काल के लिए पूर्ण तैयारी करने, क्षेत्र में गांव-गांव जाकर ग्रामीणों के साथ बैठक करने व अधिक से अधिक महिलाओं को जागरूक कर उन्हे विभाग के साथ जोड़ने तथा क्षेत्र में स्थित स्कूलों में भी बैठक कर बच्चों को वनाग्नि के प्रति जागरूक कर जागरूकता फैलाने के लिए बच्चों का भी सहयोग लेने के निर्देश दिये तथा यह भी निर्देश दिये कि ग्रामीणों को जागरूक कर अपने खेतों का कूड़ा (आड़ा) माह नवम्बर-दिसम्बर में ही नष्ट करने हेतु प्रोत्साहित करें। क्योंकि सबसे ज्यादा वनाग्नि की घटनाएं अनियंत्रित व बेमौसम खेतों का कूड़ा (आड़ा) जलाने से ही घटित होती है।
लोक प्रबंध विकास संस्था के नेतृत्व में विभिन्न सामाजिक संगठनों एवं पंचायत प्रतिनिधियों ने उनसे मुलाकात कर बिनसर में बनाग्नि नियंत्रण एवं मानव वन्य जीव संघर्ष की समस्याओं पर विमर्श किया। दावानल नियंत्रण हेतु उन्हें चौदह सूत्रीय सुझाव पत्र सौंपा ।
पत्र में वनाग्नि की घटनाओं के लिए फील्ड स्तर पर कर्मचारियों की कमी, वन विभाग व समुदाय के मध्य भारी संवाद हीनता, फायर वाचरों की नियुक्ति व मजदूरी भुगतान में खामियां, आवश्यक उपकरणों का अभाव, अग्नि बटियाओं का समाप्त होना, परंपरागत हक हकूकों में कटौती, मानव वन्य जीव संघर्ष को कम करने में विभाग की नाकामी जैसे कई कारणों को बताते हुए उससे निपटने हेतु तमाम सुझाव दिए गए हैं ।
इस अवसर पर वन संरक्षण उत्तरी कुमाऊं वृत्त अल्मोड़ा कोको रोशे, प्रभागीय वनाधिकारी अल्मोड़ा दीपक सिह, प्रभागीय वनाधिकारी सिविल स्वयं पीके धौलाखंडी, लोक प्रबंध विकास संस्था के संचालक ईश्वर जोशी, वन पंचायत सरपंच संगठन के अध्यक्ष सुंदर सिंह पिलख्वाल, ग्राम प्रधान महेश कुमार दीप्ति भोजक, संसाधन पंचायत की पूजा बोरा, अशोक भोज, वनक्षेत्राधिकारी मनोज सनवाल आदि उपस्थित थे।
लोक प्रबंधन विकास संस्था के ईश्वर जोशी ने बताया कि उनके द्वारा प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) को संबोधित इस सुझाव पत्र को राज्य में वन विभाग के 10 आला अधिकारियों को मेल द्वारा भेजा गया है।
इस कार्यक्रम के दौरान वन संरक्षक उत्तरी कुमाँऊ कोको रोशे, प्रभागीय वनाधिकारी अल्मोड़ा दीपक कुमार, प्रभागीय वनाधिकारी सिविल सोयम अल्मोड़ा प्रदीप कुमार धौलाखंडी, वन क्षेत्राधिकारी बिनसर, मनोज सनवाल व कई विभागीय कर्मचारी उपस्थित रहे।